किसी ने सच्ची कहा है मां का दर्द एक मां ही जान सकती इस बात से हमें एक ऐसी मां से मिलने का सौभाग्य मिला जो औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी में रहती है। उन्होंने अपना सारा जीवन पशु पक्षी को समर्पित कर
दिया ।अपने कोविद कल में बंदरों के लिए दूर-तक बंदरों को केले चने आदि भिजवाए जैसे अयोध्या बनारस प्रयागराज अमरकंटक नैमिषारण्य शनि मंदिर कोसी बरसाना वृंदावन गोवर्धन सभी जगह पर साधन जताकर
साधन जुटा कर उनकी उधर पूर्ति की इस आपातकाल मे भिवाड़ी से बैठकर सारी व्यवस्था की ताकि उन सभीबेजुबान बंदरों को भोजन मिल सके उसी पीरियड में गायों के लिए चारे की व्यवस्था तथा प्रत्येक दिन चिड़िया
कबूतर आदि के लिए जगह-जगह पानी की व्यवस्था करना दाना पानीकी व्यवस्था करना यह सब एक मां ही समझ सकती है जो मां यशोदा से मां पार्वती से मिलता है ऐसी मां को हम सब कोटि-कोटि नमन करते हैं और और
हम इसे से वादा करते हैं कि हम भी ज्यादा से ज्यादा आपके नक्शे कदम पर चलकर इस पर्यावरण की इस वसुंधरा की रक्षा करके सम्मान करेंगे जो वसुंधरा हम सब का मुस्कुराते हुए हमको सहन करती है। उस बोल सुं दर
को कोटि-कोटि नमन उस मां का नाम शशि कला गुप्ता dr G R Gupta गुप्ता की पत्नी है हम यह वसुंधरा रक्षक सम्मान देकर स्वयं गर्व महसूस कर रहे हैं। हम ही
नहीं पूरा लखनऊ गर्व महसूस कर रहा है ।जय वसुंधरा जय भारत मां शशिकला को लखनऊ ही नहीं बल्कि कोटा से इंटरनेशनल वुमन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।
रिपोर्टर मुकेश कुमार