नगर परिषद क्षेत्र के कहरानी गांव की वाल्मीकि बस्ती में पिछले कई सालों से लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। चुनाव के दौर नेताओं ने पेयजल समस्या के समाधान का आश्वासन दिया लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ग्रामीणों की खोज खबर लेना भूल गए। ग्रामीणों ने कहा है कि अगर उनकी समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो पीएचईडी व नगर परिषद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।।
वाल्मीकि बस्ती में पानी की किल्लत को लेकर पुरुषों व महिलाओं में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। बस्ती में रहने वाले टैंकरों से पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। महिलाओं ने रविवार सुबह पेयजल किल्लत के खिलाफ प्रदर्शन किया। महिलाओं ने खाली बाल्टियां दिखाते हुए कहा कि सुबह-शाम उन्हें पीने के पानी के लिए दूसरे मोहल्लों में जाना पड़ता है। उनका कहना था कि चुनाव के दौरान उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अब सांसद, विधायक व स्थानीय पार्षद ने इस समस्या से मुंह मोड़ लिया है। पेयजल किल्लत को लेकर नारेबाजी कर रही महिलाओं ने कहा कि, “हम पिछले बीस वर्षों से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. लेकिन पानी की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो सका है। हमें सिर्फ हमें पानी दे दीजिए और कुछ नहीं चाहिए।” वाल्मीकि बस्ती निवासी कमलजीत जे बताया कि पिछले बीस साल से पानी की समस्या बनी हुई है और एक हजार रुपए देकर टैंकर से पानी मंगवाना पड़ता है। भीषण गर्मी में पेयजल समस्या से बच्चे भी बीमार हो रहे हैं। चुनाव के दौरान नेता आकर पेयजल समस्या का समाधान करने के झूठे वादे करके चले जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद कोई दिखाई नहीं देता है। वहीं टैंकर से पानी लेने आई सरोज ने बताया कि पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत करवाने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि मोहन भिदुड़ी ने बताया कि पीएचईडी ने पाइपलाइन बिछा दिया है और अधिकारियों ने एक सप्ताह में पानी की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया है।
रिपोर्टर मुकेश कुमार