Black fungus in Kanpur, far more than 50 patients found, shortage of medicines in the market
प्रदेश में बढ़ते ब्लैक फंगस संक्रमण को देखते हुए कानपुर में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी कमर कस ली है. ब्लैक फंगस को लेकर हैलट अस्पताल में DOCTORS की टीम तैयार कर दी गई है.
UP के कानपुर में CORONA के बाद अब ब्लैक फंगस का कोहराम शुरू हो गया है. अब तक 50 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि मार्केट में ब्लैक फंगस के इलाज में दी जाने वाली दवाइयां और इंजेक्शन नहीं मिल रहीं हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर सही समय पर मरीजों को दवा और इंजेक्शन नहीं मिलेगी तो खतरा बढ़ जाएगा. ऐसे मरीजों के ब्रेन तक फंगल पहुंच सकता है.जिसके चलते माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अलग से लैब बनाई गई है. वहीं इससे निपटने के लिए हैलट अस्पताल में स्पेशल वार्ड भी तैयार किया गया है. ब्लैक फंगस के ट्रीटमेंट के लिए मेडिकल COLLEGE प्रिंसिपल के निर्देश पर एक विशेष डॉक्टर्स की टीम तैयार की गई है, जिसमें ई एन टी सर्जन, थर्मोलोजी, न्यूरोलॉजी व एनेस्थेटिक के स्पेसलिस्ट डॉक्टर्स रहेंगे. साथ ही इमरजेंसी के ओटी को भी तैयार कर लिया गया है कि अगर सर्जरी करना पड़े तो वहां की जा सके.
शनिवार देर शाम हैलट में भर्ती एक युवक की आंखों की रोशनी चली गई. उसकी आंखें एकदम बाहर की तरफ आ चुकी हैं. इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि स्वाब का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. अगर फंगस का infection खून में पहुंच गया तो जान बचाना मुश्किल होगा. इसी तरह गुजैनी के राजेश में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले. उनके बेटे का कहना है कि पिता को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी. बताते हैं कि डॉक्टर ने दवा बाहर से लाने के लिए कहा है, लेकिन बाहर कहीं दवा नहीं मिल रही है.GSVM मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि एमआरआई एवं बायोप्सी जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि के बाद वार्ड नौ में भर्ती कराया जाएगा. उस वार्ड को सुरक्षित कर दिया गया है. अगर पीड़ित में पुष्टि होगी तो Expert सर्जन की टीम उनकी जान बचाने के लिए उनकी आंख एवं साइनस तत्काल निकालेगी. अगर फंगस ब्लड में पहुंच गया तो जानलेवा साबित होगा.