सरकार के लिए लाखों रुपए राजस्व का लग रहा चूना

सफेद नंबर प्लेट की ईको गाड़ियां पांच सवारियों में पास, भर रहे पंद्रह सवारियां

बदायूँ । ट्रैफिक पुलिस विभाग की सरपरस्ती में सफेद नंबर प्लेट की ईको गाड़ियां पुलिस लाइन चौराहे से पंद्रह सवारियां भरकर कर टैक्सी में चल रही है। जबकि आरटीओ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सफेद नंबर प्लेट वाली ईको गाड़ियां तीन से लेकर पांच

सवारियों में पास की जाती है ।अगर इससे अधिक सवारियां भरते हैं तो उनके खिलाफ जुर्माना भरकर कार्रवाई की जाएगी। मगर यहां पर इंट्री लेकर ट्रैफिक पुलिस ओवरलोड ईको गाड़ियां चलवा रही है। जिससे सरकार का लाखों रुपए का राजस्व का चूना लग रहा।

ट्रैफिक पुलिस कार्यालय में तैनात एक बाबू सफेद रंग की नंबर प्लेट वाली कई ईको गाड़ियां चलवा रहा है। जिसकी उसके पास गाड़ियों की एंट्री है। “इसका मतलब महीनेदारी बांध रखीं”जो इनकम का काफी अच्छा जरिया बन गया है ।जिसका हिस्सा टीआई और पुलिस

लाइन चौराहे पर ड्यूटी करने वाले सिपाहियों को भी मिलता है उन्हें एक कोड वर्ड दे रखा है जिसकी वजह से ड्यूटी कर रहे सिपाही अनदेखी करते हैं जिन ईको गाड़ियां की एंट्री ट्रैफिक पुलिस विभाग में है। चौराहे पर ड्यूटी वाला सिपाही उन्हे नहीं रोकता है। वह धडल्ले से

खुले आम चौराहे पर सवारियां भरते हैं जिसकी वजह से अक्सर जाम लगा रहता है।जिसकी उच्चाधिकारियों को भनक तक नहीं लग रही है।
बरेली- बदायूं के बीच चलने वाली सफेद नंबर प्लेट की ईको गाड़ियां पुलिस लाइन चौराहे पर गाड़ियां खड़ी

रहती है ट्रैफिक पुलिस के लिए महीनेदारी देने की वजह ईको ,ऑटो, मैजिक वालों के हौसले बुलंद है और चौराहे पर ड्यूटी करने वाले सिपाही अपनी मौजूदगी में सवारियां भरवाते है। इसलिए जाम की स्थिति बनी रहती है।

ओवरलोड गाड़ियों से अक्सर होते है हादसे

सफेद नंबर प्लेट की ईको गाड़ियां चलाने वाले कुछ वाहन चालक रुपयों के लालच में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। गाड़ी को ठसाठस भरकर बदायूं-से बरेली ले जाते हैं। इसलिए ओवरलोड गाड़ियों से अक्सर हादसे होते रहते है।


यात्रीकर अधिकारी रमेश चंद्र प्रजापति ने बताया कि अगर सफेद नंबर प्लेट की ईको गाड़ियां कहीं से सवारियां भरकर टैक्सी में चल रही है तो नियम विरुद्ध है उनके खिलाफ कार्रवाई करके जुर्माना लगाया जाएगा।