सहसवान। अधिवक्ता हड़ताल पर रहे। बार एसोसिएशन की ओर से इस संबंध में शासन प्रशासन से न्यायिक व प्रशासनिक जांच करने की मांग की गई है।
अधिवक्ताओं ने कहा कि उपजिलाधिकारी के न्यायालय/कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में अधिवक्तागण काफी समय से हड़ताल पर चल रहे हैं। इस संबंध में बार एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल कई बार उपजिलाधिकारी से वार्ता कर कार्य में सुधार लाने की मांग कर चुका है मगर उनके कार्य व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। अधिवक्ताओं ने उनसे कहा कि वह न्यायालय की मान मर्यादा व गरिमा बनाए रखें और अवैधानिक कार्य बंद कर दें मगर उन पर अधिवक्ताओं की बात का कोई असर नहीं हुआ।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि वह खुद को एक केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार बताते हैं। आरोप यह भी है कि राजस्व संहिता की धारा 38, धारा 80, धारा 116 और धारा 24 के मुकदमों में बिना सुविधा शुल्क के कोई आदेश पारित नहीं किया जाता। अलग-अलग पत्रावलियों में एक ही बिंदु पर अलग-अलग आदेश पारित किए जाते हैं। अधिवक्ताओं का आरोप है कि वादकारियों का खुलेआम शोषण हो रहा है। उन्हें सुलभ और सस्ता न्याय नहीं मिल पा रहा है। एसोसिएशन ने उप जिलाधिकारी के कार्यों की न्यायिक व प्रशासनिक जांच कराने की मांग उच्चाधिकारियों से की है। इस संबंध में बार का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र जिला अधिकारी, मंडलायुक्त से भेंट कर अपनी समस्याओं से अवगत कराएगा। भ्रष्टाचार के विरोध में अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी रहेगी। इस मौके पर बार अध्यक्ष अतर सिंह शाक्य, निरोत्तम सिंह यादव, जितेंद्र सिंह यादव, श्याम कुमार गुप्ता, श्याम बाबू सक्सेना, रविंद्र नारायण सक्सेना, राजीव चांडक, सतीश पाठक, जावेद इकबाल, महावीर सिंह यादव, सत्यभान सिंह यादव, राम भरोसे मौर्य, हरेश पाठक, अनेक पाल सिंह, सुशील सैनी, मोहम्मद हनीफ, राजकुमार सक्सेना, सतीश यादव, अब्दुल आसिफ, ऋतिक महेश्वरी, नीरज महेश्वरी, सुदीप सक्सेना, मजाहिर अली, अभय सक्सेना, ओमकार वार्ष्णेय, सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे।