अब गन्दा पानी नालों में जाने बजाय भरने लगे फैक्ट्रियो में

खैरथल। तिजारा जिले की देश में विख्यात ओधोगिक नगर की मूल समस्या का जिला प्रशासन समाधान करने में असफल नजर आ रहा है। दरअसल भिवाडी बायपास पर भरने वाला गन्दा पानी अब फैक्ट्रियो के लिए भी नासूर बन गया है। भिवाडी के सभी विभागों के अधिकारी फैक्ट्रियो को अब बर्बादी के हालातों की तरफ ले जाते हुए नजर आ रहे है। यह बर्बादी औधोगिक इकाइयों के पलायन का मजबूर कर सकती है।जिसकी भयावहता की कल्पना करने से ही शरीर मे सिहरन दौड़ने लगेगी। बीड़ा, रीको व राजस्थान पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड अपनी वाह वाही पीटते नही थक रहे है वही दूसरी तरफ कल हुई बारिश से सड़को का कचरा युक्त गन्दा पानी नालों के चौक होने के चलते अब औद्योगिक इकाइयों में घुसने लगा है।
पिछले करीब 8 महीने पहले हरियाणा प्रशासन ने धारूहेड़ा इलाके में सड़क पर 3 फिट ऊंचा रैंप बनाकर भिवाडी की तरफ से आने वाले कैमिकल युक्त गंदे पानी को रोक दिया था। जिससे अलवर बायपास पर पानी भरने की समस्या बढ़ने लगी। कई प्रयास करने के बाद भी भिवाडी के आलाधिकारी उस रैंप को नही हटा पाये। उसके बाद से ही सम्बंधित विभागों के समस्त अधिकारी अपनी विवेक का परिचय देने में लग गए। भिवाडी में नालों को चौक करने के साथ करीब 60 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को पानी छोड़ने या सीईटीपी की पाइप लाइन में कनेक्शन ना होने को लेकर बन्द कर दिया गया। करीब 25 से ज्यादा इकाईयों को नोटिस दिया गया, लेकिन जल भराव की समस्या बन्द होने का नाम नही ले रही है।अधिकारियो की कलाई तो तब खुली जब कल हुई तेज बरसात के बाद पानी नालों में गंदगी के ढेर लगने से पानी नालों में ना जाकर सड़क से औद्योगिक इकाइयों में ही घुसने लग गया। जिससे औद्योगिक परिसर में काम करने वालों मजदूरों को फैक्ट्री में अंदर जाने का रास्ता ही नही नजर आ रहा। बहरहाल यदि प्रशासन ने समय रहते पानी के निकास की समुचित व्यवस्था नहीं की गई तो उधोगपतियों का भिवाडी से मोहभंग हो सकता है।जिसके दूरगामी परिणाम जनहित में नहीं होंगे।