बदायूँ । जिला महिला अस्पताल में अस्पताल स्टॉफ की निगरानी में दलाल खुलेआम दलाली कर रहे है। अस्पताल प्रशासन दलालों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है जिसकी वजह से दलालों के हौसले बुलंद हो गए है। आलम यह है कि एक दर्जन से ज्यादा दलाल अस्पताल के अंदर घूमते हुए नजर आएंगे कुछ तो पर्चा काउंटर के सामने कुछ लेबर रूम, ओटी में घूमते मिल जाएंगे जैसे ही प्रसूता पर्चा बनवाती है वहां पर बैठे दलाल यहां आने वाले मरीजों के संपर्क आ जाते है। अस्पताल में प्रसव को पहुंचने वाली हर गर्भवती को लापरवाही और केस बिगड़ने का भय दिखाकर दलाल निजी अस्पताल पर ले जाने की सलाह देते हैं। इतना ही नहीं निजी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराने की सलाह देकर दलाल फिफ्टी प्रसेंट कमीशन के चक्कर में यह खेल करते हैं। जिला महिला अस्पताल में गर्भवती के एंट्री करते ही नेटवर्क से जुडे़ दलाल सक्रिय हो जाते हैं। इनमें खासकर दलाल एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी भी शामिल हैं, जो भ्रष्टाचार नेटवर्क संचालित करने वालों के साथ जुड़े हुए हैं। दलाल रहमदिली दिखाने के बाद महिला अस्पताल की व्यवस्थाओं की कमियों की पोल खोल देते हैं। महिला अस्पताल में मरीजों को गुमराह करने और गर्भवतियों को निजी अस्पताल ले जाने वाले नेटवर्क का मामला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में है, लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। दलाली के चक्कर में कई बार जच्चा-बच्चा की मौत तक हो जाती है। यह मामले जिले में आए दिन होते रहते हैं, इससे स्वास्थ्य विभाग पर कोई फर्क नहीं पड़ता है मगर अफसर इससे अंजान बने हुए हैं।
हाल में ही फैजगंज बेहटा स्थित सृष्टि हेल्थ केयर सेंटर पर जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी। मामला जब सुर्खियों में आया तो स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की आनन फानन में कार्रवाई कर डाली।
दलाली के चक्कर में अस्पताल के गेट से लेकर अंदर तक घूमते है दलाल
निजी अस्पताल प्रसव केंद्र पर गर्भवती को ले जाने का पांच हजार से दस हजार रुपए तक कमीशन मिलता है
जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए रोज दर्जनों महिलाओं आती हैं। सरकारी अस्पताल में लापरवाही की बात बताकर अनहोनी होने की आशंका का भय दिखाकर निजी अस्पताल ले जाती है। तीमारदार अपने मरीज की बेहतरी इलाज के निजी अस्पताल में ले जाना ही बेहतर समझते हैं। इस दौरान महिला अस्पताल में घूम रही दलाल उनसे मिलती हैं और निजी अस्पताल ले जाती हैं। वहां ले जाकर गरीब और लाचार जनता लूट लेते है।
अस्पताल गार्डों के लिए इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है की कोई दलाल अस्पताल में घूमता दिखाई देता है तो उसे सख्ती के साथ रोके उसके बावजूद भी अगर कोई दलाल नही मानता है तो तत्काल पुलिस को सूचना करें। सीएमएस महिला अस्पताल डॉक्टर इंदुकांत वर्मा