शायरों ने रूहानी कलामो से मचाई धूम

बदायूँ । शहर के मोहल्ला नागरान स्थित मदरसा बरकातिया रज़बिया में हजरत मजहरुल उलमा अलैहिर्रहमह बदायूंनी के 16 वां सालाना उर्स शरीफ जेरे कयादत गुले गुलजारे रजवियत, नबीराए आला हजरत अल्लामा अहसन रज़ा खां साहब किबला सज्जादा नशीन खानकाहे रजविया बरेली शरीफ मनाया गया। जिसके तहत प्रात: 11 बजे मुशायरे का आयोजन किया गया जिसमें शायरो ने एक से बढ़कर एक नात ओ मनकबत पेश की।

कैफ़ शेखूपुरी ने पढ़ा –
आला हजरत के नारो की गूंज सुनी तो दिल बोला ,
रहे सलामत मंजर मुफ्ती मजहर जिंदाबाद।

जाने माने शायर डॉ मुजाहिद नाज़ क़ादरी बदायूंनी ने कहा-
वो ज़िंदा हैं, वो ज़िंदा हैं, वो ज़िंदा हैं, वो ज़िंदा हैं।
करेगा हश्र तक ऐलान ये कलमा मुहम्मद का।।

खालिद नदीम बदायूंनी ने पढ़ा –
रूबरू बैठ के अहवाल सुनाऊँ दिल का,
मैं रहूं आप रहें गोशए तन्हाई हो।

अहमद अमजदी क़ादरी बदायूंनी ने पढ़ा-
रोज़ भीक मिलती है हमको शाहे बतहा से,
उनकी ही अताओं से चलता है हमारा काम।

डॉ नासिर बदायूंनी ने पढ़ा –
दीन के माहे मुनव्वर आला हजरत हैं हुजूर,
आप हैं उसका उजाला हज़रत ए मजहर हसन।

समर बदायूंनी ने पढ़ा-
मैं जबसे पढ़ रहा हूं कसीदे हुजूर के,
जुगनू चमक रहे हैं निगाहों में नूर के।

शम्स मुजाहिदी बदायूंनी ने कहा –
बड़ा है हक पड़ोसी का वह जो मांगे उसे दे दो,
मुसलमाॅं से यही कहना मोहम्मद मुस्तफा का है।

शाकिर रज़ा ख़ान बदायूनी ने पढ़ा-
हां इमाम अहमद रज़ा ताजुलफ़हूल,
हैं तुम्हारे पेशवा मज़हर हसन।

इनके अलावा असरार अहमद मुज्तर, फैजान रज़ा बदायूंनी, हसनुल कादरी, खलीफा ए मजहरुल उलमा खालिद रज़ा नूरी, मुस्तकीम मोहनपुरी, हाफिज सलमान, अच्छे मियां बरकाती,हाफिज अम्बर बरकाती रिजवी, नाबीर ए मजहरे उलमा मुफ्ती क़मर रज़ा रिज़वी, मौलाना डॉ यासीन अली उस्मानी ने भी अपने ख्यालात का इजहार किया।
उसके बाद हजरत मजहरुल उलमा अलैहिर्रहमह बदायूंनी के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई।साहिबे सज्जादा सफदर हसन नूरी साहब द्वारा मुल्क व कौम की तरक्की और खुशहाली के लिए सामूहिक दुआ की गई ।जिसके बाद आम लंगर किया गया। नाजिम ए उर्स मु०मजहर हसन नूरी ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।