सहसवान। बता दें एक व्यक्ति द्वारा वन विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के बेहद गंभीर आरोप लगाकर उनकी शिकायत बदायूँ ज़िलाधिकारी, मंडल आयुक्त, बरेली सहित वन विभाग के सभी अधिकारियों से की गई है और जांच की मांग करके आरोप सिद्ध हो जाने पर वन अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की भी मांग शिकायतकर्ता द्वारा की गई है। शिकायतकर्ता का सीधा-सीधा आरोप है। कि वन रेंजर अशोक त्यागी, वन दरोगा जितेंद्र सिंह एवं कांस्टेबल सुशांत द्वारा अवैध रूप से वन विभाग की भूमि को किराए पर देकर लाखों रुपए का गबन कर रहे हैं। व नियमों के विरुद्ध जाकर राज्य सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं। मौके पर जाकर हमारी टीम ने जब तो शिकायतकर्ता के आरोपों में सच्चाई नज़र आई वन विभाग की सैंकड़ों बीघा भूमि पर ग्रामीणों द्वारा खेती की जा रही है। कैमरे पर तो कोई ग्रामीण नहीं आया किंतु ऑफ कैमरा ये कई लोगों ने बताया कि ये भूमि वन अधिकारी 12000 रुपये प्रति एकड़ किराए पर देते हैं। उसके साथ ही शिकायतकर्ता का ये भी कहना है। कि ये तीनों लोग अवैध कटान भी करवा रहे हैं। और ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध अरामशीनें भी चलवा रहे हैं। जब इस बारे में ज़िला वन अधिकारी से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए इसकी जांच की बात कही, जबकि शिकायतकर्ता का कहना है। कि ज़िला वन अधिकारी से वो पूर्व में एक बार मिलकर शिकायत कर चुका है। और भाजपा के एक पूर्व मंत्री ने भी लोगों की शिकायत के बाद इन अधिकारियों की जांच को लेकर एक पत्र ज़िला वन अधिकारी को लिखा था जिस पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। रेंजर अशोक त्यागी से मिलकर जब उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने इस बारे में कोई भी आधिकारिक बाइट कैमरे पर देने से साफ मना कर दिया।