सम्भल। जामिया हिलाल लिल बनात दीपा सराय मे खत्मे बुखारी शरीफ कान्फ्रेस की शुरुआत अरीबा फातिमा की तिलावते कुरआन व मौ0 बुरहान की नाते रसूल से हुआ।
कान्फ्रेस को खिताब करते हुए मारहरा शरीफ से आये मुफ्ती असलम नबील अजहरी ने कहा कि इमाम बुखारी एक मुहद्दीस के साथ एक बड़े फकीह भी थे। मौजूदा हालात को देखते हुए हमे दुनियावी तालिम के साथ दीनी तालिम हासिल करना जरूरी हो गया है। खानकाहे बरकातिया से आये सय्यद अमान मियाँ कादरी बरकाती ने नारा देते हुए कहा कि आधी रोटी खाईये अपने बच्चो को पढाईचे और इस्लाम के बुनियादी उसूल सिखाईये। आगे कहा कि एक बच्ची की तालिम से समाज में निखार पैदा होता है। हमे अपनी बच्चियों को अच्छी से अच्छी तालिम दिलाना चाहिए। मुफ्ती सलमन अलीमी ने कहा कि समाज में फैली बुराई को खत्म करने के लिए एक हाथ मे कुरआन और एक हाथ मे साईंस की जरूरत है।
कान्फ्रेस को मुफ्ती जुनैद कादरी, डॉ0 बिलाल मरकजी, कारी अलाउद्दीन अजमली, कारी इरफान लतीफी, मौलाना तौसीफ मिस्बाही, मौलाना जियाउल मुस्ताफा ने भी खिताब किया। मौलाना फाजिल मिस्बाही ने जामिया के द्वारा गये कामो किये पर रिपोर्ट पेश की। मदरसे की 10 बाच्चयों को बुखारी शरीफ का दर्स देकर फजीलत की डिग्री दी गई। कान्फ्रेस में इमामे ईदगाह मौलाना सुलेमान अशरफ, मुफ्ती अशफाक, मौलाना आलमगीर, मौलाना तालिब मिस्बाही, मौलाना अब्दुल हफीज़, कारी बिलाल, वकार हुसैन, मौलाना सलीम, हाजी मोनिस, शेख नाजिम, शफीक अशफाकी, यासीन कादरी, कलीम सलामी, शेख काशिफ, नजर महबूब, वसीम अशरफी, सिकन्दर पाशा, फरमान, अदनान अशरफी, मौ0 अज़मत अशफाकी, फरहत अशफाकी आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता शहर मुफ्ती कारी अलाउद्दीन अजमली व संचालन मोलाना शुएब ने किया।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट