विषय:- राज्यसभा चुनाव में मुसलमान को प्रत्याशी बनाये जाने पर विचार करने के सम्बन्ध में।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव/पूर्व मंत्री आबिद रजा ने कहा कि हम आपसे बहुत अदब से कहना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान तमाम जुल्म और सितम झेलने के बावजूद आपके साथ ही खड़ा है। मुसलमान आप पर भरोसा करके यह उम्मीद भी करता है कि आप उसकी हिस्सेदारी के साथ इन्साफ करेगें। हम आपको मौजूदा सियासी हालात पर जमीनी हकीकत का एहसास कराना चाहते हैं, जो हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।
वर्तमान में राज्यसभा के चुनाव में तीन प्रत्याशियों में मुसलमान को प्रत्याशी न बनाये जाने पर पूरे प्रदेश के मुसलमानों में मायूसी और सियासी बेचैनी है। समाजवादी पार्टी से मुसलमान का पुराना रिश्ता है। लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव या कोई अन्य चुनाव जो सपा लड़ती है, मुसलमान की सपा को वोट देना प्राथमिकता रहती है।
हाल के 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की लगभग 111 सीटें जीती जो मुसलमान के वोट के बिना जीतना मुमकिन नहीं थी 2022 के चुनाव में मुसलमान ने सपा के खिलाफ किसी अन्य पार्टी के मुसलमान प्रत्याशी को वोट न देकर उसे नकार दिया।
इसीलिए मुसलमान की पार्टी में भागीदारी के हिसाब से हिस्सेदारी भी बनती है। आप वर्तमान में P.D.A के बैनर तले पार्टी को आगे बढ़ाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। आप मुबारकबाद के हकदार हैं, लेकिन P.D.A के अनुसार भी अनुपात में एक सीट मुसलमान को मिलनी चाहिए, ऐसी आम मुसलमानों में चर्चा है। प्रदेश के मुसलमानों में राज्यसभा चुनाव में P.D.A के अनुसार चयनित प्रत्याशियों में किसी मुसलमान को प्रत्याशी ना बनाये जाने पर P.D.A में (A) के गायब होने की भी आम चर्चा तेजी से फैल रही है, जो पार्टी के हित में नहीं है। इसको लेकर मुसलमानों में नाराजगी बढ़ सकती है, जिसका आगामी लोकसभा चुनाव पर भारी असर हो सकता है। यह एक राजनैतिक बड़ा सच है, जो शायद कोई और नेता आपसे यह सोचकर ना कह पाए कि आप उससे नाराज होकर उसका सियासी नुकसान ना कर दें। आपको यह जमीनी सच बताना में अपनी जिम्मेदारी और फर्ज समझता हूँ।
चूंकि राज्यसभा के नामांकन की तारीख 15 फरवरी है, इसीलिए मैं आपसे बहुत एहतराम (विनम्र) के साथ पार्टीहित में कहना चाहता हूँ कि आप वक्त रहते राज्यसभा के चुनाव में प्रत्याशी के चयन पर एक बार पुनः विचार करके P.D.A के तीन प्रत्याशियों में से एक मुसलमान प्रत्याशी बनाने का पार्टीहित में फैसला लेने की महरवानी करें, ताकि समाजवादी पार्टी में मुसलमान की भागीदारी के साथ इंसाफ हो सके।
यह सारी बातें हम आपसे मुलाकात करके कहना चाहते थे लेकिन वक्त की कमी के कारण आपको खत लिखना पड़ रहा है। आप हमारे लिखे पर गम्भीरता से विचार जरूर करें।