बदायूँ : 27 जनवरी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ शनिवार को तहसील दातागंज के ग्राम सैजनी में बनाए गए हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के बायोगैस प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने प्लांट की पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली। मा0 मुख्यमंत्री व केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री को प्लांट प्रबंधको की ओर ब्रास का लैंप भेट किया गया।
मा0 मुख्यमंत्री ने प्लांट अधिकारियों को प्लांट की उत्पादन प्रक्रिया अनुरूप जनपद के आईटीआई में अध्यनरत विद्यार्थियों हेतु ट्रेड को विकसित करने के लिए कहा। ताकि उनको रोजगार के अवसर मिले। उन्होंने प्लांट के मॉडल का निरीक्षण किया व प्लांट परिसर में पौधारोपण भी किया। मा0 मुख्यमंत्री ने पराली प्रबंधन व पराली के क्रय की दरों की जानकारी भी ली।
मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश के 08 जनपदों में एक-एक नए बायोगैस संयंत्र की स्थापना कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि नए सीबीजी संयत्र जनपद सीतापुर, जौनपुर, बरेली, कन्नौज कानपुर देहात, अमेठी, बहराइच व फतेहपुर में स्थापित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक संयत्र 50 एकड़ भूमि में बनेगा तथा प्रत्येक संयत्र की लागत 130 करोड़ रुपए से 150 करोड़ रुपए तक होगी।
उन्होंने बताया कि बायोगैस संयत्र लग जाने से पराली की समस्या का समाधान होगा, वहीं संयत्र से प्राप्त जैविक खाद्य से कृषि की उर्वरता बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी। प्रत्येक प्लांट से रोजगार सृजन होगा।
उन्होंने कहा कि बायोगैस संयत्र प्रदूषण में कमी आएगी तथा यह जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को प्र्राप्त करने में सहायक होगा। जैव उर्वरक के प्रयोग से मिट्टी में कार्बन तत्व की बृद्धि एवं प्राकृतिक अनुरक्षण होगा, साथ ही कुशल अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन में योगदान मिलेगा।
मण्डलायुक्त बरेली मंडल सौम्या अग्रवाल ने बताया कि बरेली मण्डल के बदायूँ सहित चारो जनपदों की पराली का उपयोग संयत्र में हो, इसके प्रयास किए गए। इस हेतु एक मोबाइल एप्प भी बनाया गया। किसानों को जागरुक किया गया।
मुख्य प्रबंधक मृणाल सिन्हा ने बताया कि संयत्र में 3400 रुपए प्रति टन की दर से पराली खरीदी जाती है। उन्होंने बताया कि करीब 133 करोड रुपए की लागत से 50 एकड़ में बनाए गए प्लांट की प्रतिदिन की कैपेसिटी 100 मैट्रिक टन पराली प्रतिदिन है जिसमें 14 टन प्रतिदिन सीबीजी व 65 मैट्रिक टन प्रतिदिन जैविक खाद बनेगी।