दंगों, दबंगों, बलवों, बाहुबलियों और आतंकवाद की आफ़ल के सबसे बड़े शिकार गरीब, कमज़ोर, अल्पसंख्यक समुदाय होता है – नक़बी

शुक्रिया मोदी भाई जान’ कार्यक्रम में भारी संख्या में मौजूद अल्पसंख्यक समाज

बरेली । वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सियासी तुष्टीकरण के छल को समावेशी सशक्तिकरण के बल से परास्त कर, नरेंद्र मोदी “संवैधानिक पंथनिरपेक्षता और समावेशी प्रगति के सर्वमान्य हीरों” बन गए हैं। नकवी ने कहा कि “साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के सियासी रिवाज को सशक्तिकरण के समावेशी मिज़ाज’ से पछाड़कर मोदी जी भारत के विकास और विश्वास की प्रामाणिक गारंटी बन गए हैं।


आज बरेली में “शुक्रिया मोदी भाई जान’ कार्यक्रम में भारी संख्या में मौजूद अल्पसंख्यक समाज को सम्बोधित करते हुए नकवी ने कहा कि हमें इस हकीक़त को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि मोदी सरकार ने विकास में किसी के साथ कमी नहीं की तो उनके प्रति किसी को विश्वास में कन्जूसी नहीं करनी चाहिए।

नकवी ने कहा कि दंगों, दबंगों, बलवों, बाहुबलियों और आतंकवाद की आफ़ल के सबसे बड़े शिकार गरीब, कमज़ोर, अल्पसंख्यक समुदाय होता है, आज आतंक की आफ़त, दंगों की दहशत से महफूज़, सुकून, सुरक्षा और समृद्धि के मजबूत माहौल में मुल्क आगे बढ़ रहा है।


नकवी ने कहा कि फिर भी कुछ विध्वंसक ताकतें “जोड़ने के चोले में तोड़ने के खेले” की मानसिकता के साथ हिन्दुस्तान के समावेशी विकास और सर्व व्यापी विश्वास के माहौल को प्रदूषित करने की अपराधिक सनक और साजिश का ताना बाना बुन रहीं हैं। हमें ऐसे साजिशी सिंडीकेट से सावधान, सतर्क, होशियार, खबरदार रहना होगा।
नकवी ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए भी मोदी युग सुरक्षा, समृद्धि, सशक्तिकरण का स्वर्णिम समय साबित हुआ है। हमें “समावेशी सशक्तिकरण की ताकत को साम्प्रदायिक तुष्टीकरण की आफत” से बचाना होगा। कुछ सामन्ती सुल्तानों की भारत की धाक-धमक को धूमिल करने की धूर्ततापूर्ण धुन को हमें धूलधूसरित करना होगा।


नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के समान अधिकार, सुरक्षा, समृद्धि, सशक्तिकरण के बराबर की हिस्सेदारी भागीदारी के साथ आगे बढ़ने के बावजूद कुछ “भारत विरोधी ताकतें, अंतर्राष्ट्रीय जगत में इस्लामोफोबिया, असहिष्णुता, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव की साजिशी दुष्प्रचार के जरिए मोदी जी और भारतीय समाज को बदनाम करने की साम्प्रदायिक साजिश के सूत्रधार सक्रिय हैं।” अफसोस की बात है कि कुछ भारतीय राजनीतिक दल भी इस “राष्ट्रविरोधी छल को राजनीतिक बल” देने में भागीदार बने हुए हैं।
नकवी ने कहा कि कुछ सामंती सियासी सूरमा “गुनाहों के गटर में गठबंधन के शटर” से लोगों को गुमराह करने का गुणा-भाग कर रहें हैं। यह राजनीतिक दल इस बात को हजम नहीं कर पा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “स्थिरता और विश्वसनीयता” के साथ देश के सम्मान, समृद्धि, समावेशी सशक्तिकरण की ईमान, इक़बाल, इंसाफ की इबारत लिखने और समाज के सभी वर्गों के साथ अल्पसंख्यकों को भी तरक्की के सफर का हमसफ़र बनाने में कैसे सफल हो गए? यह दल इस लिए भी बौखलाए हैं कि “इनकी साम्प्रदायिक वोटों की जागीरदारी का समावेशी विकास की हिस्सेदारी ने सूपड़ा साफ कर दिया है।


नकवी ने कहा कि देश में इस समय दो ही चर्चा है, एक तरफ “परिवारतंत्र की मोदी हटाओ सनक” दूसरी तरफ पब्लिक की मोदी जिताओ हैट्रिक संकल्प’ । पब्लिक का यही संकल्प सामन्ती सूरमाओं को चौबीस के चुनाव में चारों खाने चित करेगा।
नकवी ने कहा कि कुछ दल “जुगाड़ के जमघट से जनादेश के पनघट” का रास्ता तलाश रहे हैं उन्हें भी मालूम है कि मोदी के काम करिश्मे के पहाड़ के सामने कुंठित कुनबे के जुगाड़ को चौबीस के चुनाव में 440 वोल्ट का झटका लगेगा।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर बोलते हुए कहा कि एक हम अपने आप को बड़ा सौभाग्यशाली मानते हैं जो 500 साल से जो मुद्दा अटका हुआ था लटका हुआ था सांप्रदायिक उन्माद और सांप्रदायिकता की भेंट चढ़ता जा रहा था उसका समाधान इस युग में हुआ है। अगर नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ ना होते तो सुप्रीम कोर्ट का राम मंदिर पर मुद्दे पर जो निर्णय हुआ है उसका हस्र शाह बानो केस पर हुए निर्णय की तरह ही होता और रामलाल को अभी भी 500 साल तक टेंट में रहना होता। यह नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के शासन काल का समय है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रभावित करने के लिए राम मंदिर के निर्माण में जो रोड़े थे उनको हटाने का निर्णय के साथ आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। जो लोग हिंदू मुसलमान की बात करते थे आज इसको लेकर समाज के सभी वर्गों के लोग मुस्लिम समाज भी खुश है, वह इस बात से संतुष्ट है।