बदायूँ : 15 अगस्त जिलाधिकारी मनोज कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी, (नोडल अधिकारी), समस्त उपजिलाधिकारियों, समस्त खण्ड विकास अधिकारियों, नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के समस्त अधिशासी अधिकारियों तथा डिस्ट्रिक मैनेजर, सी०एस०सी० सुशील कुमार को निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य में जन्म-मृत्यु पंजीकरण का कार्य जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम-1969 (यथा संशोधित अधिनियम 2023) एवं तत्संबधी राज्य नियमावली 2002 के अन्तर्गत किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य सचिव द्वारा जारी शासनादेश संख्या 1291/पाँच-7-2019 दिनांक 01 जनवरी 2020 के अनुसार प्रदेश में जन्म-मृत्यु पंजीकरण का कार्य दिनांक 01 फरवरी 2020 से सीआरएस पोर्टल crsorgi.gov.in पर ही किया जाना अनुमन्य एवं वैधानिक घोषित है किसी अन्य पोर्टल अथवा मुद्रित प्रारूप पर जारी जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र पूर्णतः अमान्य एवं अवैध घोषित है।
उन्होंने कहा कि संज्ञान में आया है कि कतिय अनधिकृत लोगों द्वारा समरूप दिखने वाली छदम बेवसाइट/पोर्टल का उपयोग बड़े पैमाने जन्म मृत्यु के फर्जी पजीकरण हेतु किया जा रहा है। सूच्य है कि आम जनता द्वारा अज्ञानतावश जन्म मृत्यु पंजीकरण हेतु फर्जी बेवसाइटों के माध्यम से कार्य कराया जाता है एवं कई बार दुर्भावनापूर्ण हानिकारण उपयोग भी किया जाता है। तत्संबंध में भारत के महारजिस्ट्रार का कार्यलय, नई दिल्ली द्वारा जारी पत्रांक के माध्यम से सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को जन्म और मृत्यु के ऑनलाइन पंजीकराण में संलिप्त फर्जी एवं छदम वेबसाइट की सूची जारी की गयी है एवं इस सम्बन्ध में उपयुक्त निगरानी एवं एहतियाती उपाय करने के साथ साथ फर्जी एवं छदम वेबसाइट के विरूद्ध अपेक्षित कार्यवाही हेतु अपेक्षा की गयी है।
उन्होंने इस पत्र एवं उसके साथ सलंग्न सूची सलंग्न प्रेषित करते हुए उनको निर्देशित किया है ।उत्तर प्रदेश राज्य में निर्धारित सीआरएस पोर्टल crsorgi.gov.in के अतिरिक्त किसी फर्जी वेबसाइट / पोर्टल द्वारा जन्म मृत्यु का पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र जारी होना पाया जाता है तो सम्बंधित धाराओं के तहत ऐसे संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये तथा कृत कार्यवाही से डीएम को अवगत भी कराया जाये।