सम्भल। हजरत किरारी शाह मियां रहमतुल्लाह अलेह का सालाना उर्स मोहल्ला भाले बाज़ खान सराय तरीन में पूरी शानो शौकत के साथ आयोजित किया गया। जिसका शुभारंभ हजरत अल्लामा व मौलाना मुफ्ती गुलफाम रज़ा बरकाती सकाफी ने तिलावते कुरआने पाक से किया। तदोपरांत हाफिज सलीम नौशाही, मंसूर बाकिर ,नईमुद्दीन बरकाती, हाफिज फैजान क़ादरी, जे़द रजा एवं नूर आलम नूर ने नाते पाक व मन्क़बत का नज़राना पेश किया। इस अवसर पर मौलाना ज़ुबैर रज़ा सलामी ने बुजुर्गाने दीन के रास्ते पर चलने की हिदायत करते हुए कहा कि इन बुजुर्गों ने हमें नेक रास्ते पर चलने की तलकीन की है इसलिए हमें हक का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए । मौलाना आदिल रजा मिस्बाही बरकाती ने कहा कि इन बुजुर्गों के उर्स को मनाने का मकसद ही यह है कि हम अपने इन औलिया की ज़िंदगी को अपनाने लिए मिशअले राह मान कर अपनी ज़िंदगी में नेकियां ईमानदारियां ,अच्छाइयां और नेकियां पैदा

करेंए और अपनी ज़िंदगी को स्वालेह ज़िंदगी बनाएं। शाही इमाम ईदगाह संभल हजरत अल्लामा मौलाना कारी सुलेमान अशरफ हामिदी अशरफी ने इस मौके पर लोगों से बुजुर्गाने दीन के मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि इन लोगों ने अपनी जिंदगी को अल्लाह और उसके रसूल के बताए हुए रास्ते पर गुजारा है। हमें भी इन लोगों की जिंदगी से सीख लेनी चाहिए और नेक रास्ते पर चलने की कोशिश करनी चाहिए। इस मौके पर हाफिज मोहम्मद अफजाल बरकाती, नफीस बरकाती, इंतजार कादरी बरकाती, जीशान अहमद ,मास्टर मैराज अहमद, मुबारक अहमद, रिजवान सैफी, आसिफ, हाफिज रईस बरकाती, हाजी फुरकान, कारी फैजान अशरफ सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उर्स की व्यवस्था में मोहम्मद दानिश, मोहम्मद इकबाल ,मोहम्मद राशिद, मोहम्मद तौसीफ, अहमद राजा आदि ने सक्रिय सहयोग किया । इस अवसर पर फातिहा खुवानी एवं सलातो सलाम के बाद मुल्क में अमन-चैन, भाई चारे एवं खुशहाली के लिए दुआएं कराईं गई।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट