सम्भल। ऑल इंडिया पसमांदा समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी शाह आलम मंसूरी के नेतृत्व में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम नायब तहसीलदार चंदौसी के माध्यम से भेजा गया। जिसमें कहा गया की आजादी से आज तक देश में अगर सबसे पीछे कोई कौम है तो वह सिर्फ पसमांदा मुस्लिम समाज है 2005 में देश की सरकारी रिपोर्ट बता चुकी की पसमांदा मुस्लिम समाज पिछड़ों के पीछे जा चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण 10 अगस्त 1950 को धार्मिक प्रतिबंध लगाकर पसमदा मुसलमान को देश की मुख्य धारा से काट दिया गया जिस वजह से यह कौम आज तक तरक्की नहीं कर पाई उधर 1989 के अत्याचार निवारण एक्ट में खानदानी पेशेवर पसमांदा मुसलमान को शामिल नहीं किया गया जिस वजह से आज सोशल मीडिया व अखबारों में पढ़ने और देखने को मिलता है कि देश में मुसलमान के साथ मोब लीचिंग जैसी खतरनाक घटनाओं को धर्म के नाम पर अंजाम दिया जा रहा है इसलिए पसमांदा समाज की ओर से हमारी मांग है की अनुच्छेद 341 से लगी मजहबी पाबंदी को हटाया जाए और पसमांदा मुसलमान को 1989 की अत्याचार निवारण एक्ट में शामिल किया जाए ताकि इन्हें भी देश की मुख्य धारा से जुड़ने का मौका मिल सके और यह कौम भी तरक्की कर सके अगर भारत सरकार ने ऐसा कर दिया तो देश का मुसलमान आपका हमेशा आभारी रहेगा ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष शाह आलम मंसूरी मोहम्मद मुजीब जुल्फिकार अहमद सद्दाम हुसैन मोहम्मद शफीक एडवोकेट मोहम्मद राशिद गुड्डू परवेज एडवोकेट आदि शामिल थे।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट