बदायूँ । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 31 दिसंबर तक लाभांश की वृद्धि नहीं की गई तो उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद प्रदेश के आवाहन पर न्यू ईयर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
कोटेदार शासन के आदेश अनुसार राशन वितरण कर रहे है साथ ही कोरोना काल में भी जनपद एवं प्रदेश के कोटेदार के द्वारा प्रधानमंत्री अन्य योजना व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत निशुल्क वितरण किया गया। कोटेदार अपने व अपने परिवार के जीवन की परवाह न करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश में ई पॉस मशीन से ईमानदारी के साथ खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। जिसकी सराहना पूरे भारतवर्ष में की गई
और इसके के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भारत सरकार ने प्रोत्साहन पत्र भी दिया। कोटेदार सरकार के साथ कंधे से कंधे मिलाकर उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार वितरण करते हैं परंतु उत्तर प्रदेश के कोटेदारों को लाभांश के रूप में केवल 90 रुपए प्रति कुंतल लाभांश दिया जाता है जबकि अन्य प्रदेशों में हरियाणा 200 रुपए गोवा 200 रुपए दिल्ली रुपए 200 केरल 200 रुपए महाराष्ट्र 150 रुपए राजस्थान 125 रुपए प्रति कुंतल गुजरात में बीस हजार प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष अनिल कुमार साहू ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जनपद एवं प्रदेश के कोटेदारों को अन्य प्रदेशों की भांति लाभांश दिलाए ताकि कोटेदार अपने परिवार का भरण पोषण सुचारू रूप से जीवन यापन कर सके उत्तर प्रदेश के तीनों संगठनों द्वारा यह निर्णय लिया गया की 31दिसंबर तक एक सूत्रीय मांग पर विचार नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश के कोटेदार द्वारा नई साल में एक जनवरी से राशन वितरण बंद कर देगें। जिससे जनता को खाद्यान्न से वंचित रहने के लिए सारा उत्तरदायित्व शासन व जिला प्रशासन का होगा।