बदायूँ । जनपद की सीमा से सटे कासगंज के गांव टिकुरी नगला निवासी बाबूराम (60) वर्ष को मेड़ के विवाद में शुक्रवार को युवक ने गोली मार दी। कासगंज के थाना सिकंदरपुर वैश्य पुलिस ने घायल को चार किलोमीटर दूर कादरचौक सीएचसी पर भेज दिया। सीएचसी से उसको गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टर ने मामला कासगंज का होने का हवाला देकर भर्ती करने और मेडिकल करने से मना कर दिया। दो घंटे तक मरीज स्ट्रेचर पर ही तड़पता रहा। बाद में परिवार के लोग घायल को कासगंज जिला अस्पताल लेकर चले गए। घायल के बेटे राजू ने बताया कि शुक्रवार सुबह उसके पिता बाबूराम खेत पर गए थे। उसी दौरान पड़ोस के खेत का मालिक रामनिवासी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंच गया। उसने मेड़ काटने का आरोप लगाया। बाबूराम ने कहा कि अगर मेड़ कटी होगी तो हम उसको दोबारा बांध देंगे। इसी बात पर रामनिवासी ने तमंचे से उसको गोली मार दी। गोली कंधे में लगी, जिससे बाबूराम जमीन पर गिर गए। इसी बीच रामनिवासी के साथी किताब सिंह ने दूसरी गोली चला दी, जो उनके बराबर से होकर निकल गई। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान दौड़ पड़े। भीड़ को देख आरोपी मौके से भाग निकले। घटना की सूचना कासगंज के थाना सिकंदरपुर वैश्य पुलिस को दी गई।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर हालत देख नजदीकी सीएचसी बदायूं के कादरचौक भेज दिया। जहां प्रथम उपचार के बाद गंभीर हालत में जिला अस्पताल बदायूं को रेफर किया गया। परिवार के लोग घायल को जिला अस्पताल लेकर आए। यहां इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने कासगंज का मामला बताते हुए मेडिकल करने से मना कर दिया। डॉक्टर का साफ कहना था कि इलाज कराना हो तो भर्ती करा सकते हो हम डॉक्टरी नहीं कर सकते, क्योंकि मामला कासगंज जिले का है। इस चक्कर में करीब दो घंटे तक घायल बाबूराम स्ट्रेचर पर ही दर्द से तड़पते रहे। बाद में परिवार के लोग कासगंज के जिलाअस्पताल ले गए।जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि थाने की मजरुम चिठ्ठी के बिना जिला अस्पताल में डॉक्टरी नहीं की जा सकती। परिवार वालों से भर्ती करने को कहा गया लेकिन परिवार के लोग भर्ती करने को तैयार नहीं हुए। मामला कासगंज का था। गोली लगने का मामला था। बिना डॉक्टरी के आरोपियों पर पुलिस कार्रवाई नहीं हो सकती थी, इसलिए परिवार के लोग घायल को कासगंज के जिला अस्पताल ले गए।
रिपोर्टर शिव प्रताप सिंह