पूर्व पार्षद सुखदीप कश्यप की हठधर्मी से गई बच्ची की जान,,

सरकारी काम में बाधा डालने का काम किया लेकिन भीड़ के आगे पुलिस मूकदर्शक बनी रही

धरना दे रहे लोगों की संख्या शनिवार को बढ़ गई जिसकी बजह से नगर निगम के सामने बरेली कालेज रोड पर लगा जाम..

नगर निगम गेट पर ताला लगाया सरकारी काम में बाधा डालने का काम किया लेकिन भीड़ के आगे पुलिस मूकदर्शक बनी रही, नहीं किया मुकदमा दर्ज..


वार्ड 37 परसा खेड़ा गुवाहाटी एवं गोकुलपुर के पूर्व पार्षद सुधीर कश्यप की अगवाई में शुक्रवार 10:00 बजे महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों के साथ नगर निगम पहुचे गेट पर ताला लगाकर अनिश्चित कालीन धरना देकर बैठ गए, अधिकारियों का मुख्य गेट से आवागमन बंद कर दिया इसी के साथ नगर निगम का कामकाज भी बंद हो गया, लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से पूर्व पार्षद व धरना दे रहे लोगों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है जबकि उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा डाली थी,

पूर्व पार्षद सुखदीप कश्यप की हठधर्मी से गई बच्ची की जान,,

नदौसी के परसा खेड़ा गौटिया एवं गोकुलपुर के पूर्व पार्षद सुखदीप कश्यप की अगवाई में शुक्रवार 10:00 बजे महिलाओं का बच्चों बुजुर्गों के साथ कई लोग नगर निगम पहुंचे गेट पर ताला लगाकर अनिश्चित कालीन धरना दे दिया अधिकारियों का मुख्य गेट से आवागमन बंद कर दिया साथ-साथ नगर निगम का कामकाज भी बंद हो गया लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से पूर्व पार्षद व धरना दे रहे लोगों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है जबकि उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा डालने का काम किया,लेकिन भीड़ के आगे प्रशासन मूकदर्शक बना रहा, वही आरोप है कि परसा खेड़ा गोटिया के हरिश्चंद्र एवं पुष्प की 1 वर्षीय बच्ची विद्या भी शामिल थी शुक्रवार रात 9:30 बजे तबीयत बिगड़ने के बाद रात ही उसे घर पर भेज दिया गया धरने की अगवाई कर रहा सुखदीप ने बच्चों की कोई परवाह नहीं की जबकि उनका रात में ही बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए था, लेकिन पूर्व पार्षद ने अपना पल्ला झाड़ते हुए बच्ची को घर भेज दिया जो घोर लापरबाही है अगर उस समय बच्ची को उचित इलाज मिल गया होता या वह नगर निगम प्रशासन व जिला प्रशासन को सूचित कर देते तो आज बच्ची की जान बच जाती, फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व पार्षद की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में है,

बार्ड 37 नंदोषी की पार्षद अंजुल गंगवार ने घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि उन्हें गांव के ही लोगों ने बताया कि धरने में बच्ची व उसकी मां शामिल नहीं हुई थी

वही बार्ड 37 नंदोषी की पार्षद अंजुल गंगवार ने घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि उन्हें गांव के ही लोगों ने बताया कि धरने में बच्ची व उसकी मां शामिल नहीं हुई थी कहा कि धरने में बच्ची के दादा-दादी और पिता शामिल थे दवा किया है कि बच्ची लंबे समय से बीमार थी और उसकी मृत्यु को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है मौजूदा पार्षद ने पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की, अराजकता का यह माहौल था कि आधी सड़क तक प्रदर्शनकरियों ने किया कब्जा,

धरना दे रहे लोगों की संख्या शनिवार को बढ़ गई जिसकी बजह से नगर निगम के सामने बरेली कालेज रोड पर जाम की स्थिति बन गई..

धरना दे रहे लोगों की संख्या शनिवार को बढ़ गई जिसकी बजह से नगर निगम के सामने बरेली कालेज रोड पर जाम की स्थिति बन गई गाड़ियां की लंबी-लंबी जाम लग गई,अधिकारियों ने ग्रामीण को समझाया लेकिन ग्रामीणों ने अधिकारियों के साथ नोकझोंक भी की , पूर्व पार्षद को अपनी बच्ची की मृत्यु के मामले में पूर्व पार्षद को अपनी गर्दन फसते नजर आई तो उनके तेवर ढीले हो गए, आपको बता दे की बच्ची की मौत के बाद जहां नगर निगम प्रशासन सकते में आ गया वहीं पूर्व पार्षद भी घबरा गए उनको लगा कि ऐसा ना हो कि इस पूरे मामले में नगर निगम प्रशासन की तरफ से हमारे खिलाफ कार्रवाई कर दी जाए इसलिए पार्षद भी धरने को समाप्त करने के पक्ष में आ गए फिलहाल इस पूरे मामले में नगर निगम प्रशासन ने द्वारा सड़क निर्माण के लिए शासन में पत्र लिख दिया गया है इसके बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया

सरकारी काम में बाधा डालने का काम किया लेकिन भीड़ के आगे पुलिस मूकदर्शक बनी रही