उघैती । तहसील में फर्जी बैनामा होने के मामले थम नहीं रहे हैं। हैरत की बात यह है, बैनामा की रजिस्ट्री होने के वक्त अभिलेखों को देखा भी नहीं जा रहा है, जिसकी वजह से एक ओर भूमिया सक्रिय हो रहे हैं, वहीं किसानों को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है। उघैती में एक ऐसे ही बैनामा की शिकायत बिल्सी तहसील दिवस में एडीएम से की गई, तो उन्होंने पुलिस को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उघैती निवासी जाने आलम के पिता निसार ने अपने भाई इकबाल की पत्नी वहीदन से करीब 25 साल पहले सहसवान तहसील में रजिस्टर्ड बैनामा कराया था। इस बैनामा के बाद पिछले दिनों निसार की मौत हो गई, तो यह जमीन जाने आलम के नाम आ गई। जाने आलम ने भी 14 विषे एक प्लॉट का बैनामा भी दो लोगों के नाम कर दिया।
इसके बावजूद बीते सप्ताह बिल्सी तहसील के रजिस्ट्री कार्यालय में वहीदन की बेटी प्रवीण ने उस प्लांट का बैनामा इस्लामनगर के परदलपुर निवासी सत्यपाल एवं बिसौली के कंजुआ निवासी श्याम सिंह के नाम बैनामा कर दिया। आरोप है, बैनामा के बाद आरोपी खरीददार प्लांट स्वामी से पांच लाख रुपया की डिमांड कर रहे हैं। इससे परेशान होकर पीड़ित ने तमाम साक्ष के साथ बिल्सी तहसील दिवस में पेश होकर एडीएम शिकायत की, तो उन्होंने उघैती पुलिस को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैंं।
अभिलेखों में नहीं नाम, फिर भी हो रहे बैनामा—-
पीड़ित जाने आलम ने एडीएम को शिकायती पत्र के साथ इंतकाफ, खसरा खतौनी, बैनामा की नकल पेश की, जिसमें परवीन का नाम कहीं नहीं था। ऐसे में सवाल यह है, आखिर बिना किसी अभिलेख को जांच बैनामा कैसे कर दिया गया।
तहसील दिवस के माध्यम से शिकायत आई है। जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुरेंद्र कुमार सिंह थाना अध्यक्ष

रिपोर्टर अकरम मलिक