जिसकी हमारे लिए कल्पना करना भी सम्भव नहीं है कि ऐसी क्या मजबूरी होती है जो एक माता पिता अपने बच्चों को भूखा सोते हुए देखने पर मजबूर है।
जब इन मजबूर लोगों को इंफोसिस कम्पनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर संजीत मलिक और उनके साथियों ने देखा तो देखने के बाद उन लोगो के पास दो रास्ते थे पहला जैसा चल रहा वैसा चलने दें और दूसरा 20 करोड़ मे से 1 को भी भर पेट भोजन पहुँचा सकें। तभी संजीत और उनके दोस्तों ने दूसरा रास्ता चुना और आशीषा फॉउंडेशन के नाम से एक संस्था बनाई जो ऐसे लोगों की सहायता कर सके। आशीषा का अर्थ है आशीर्वाद! परमात्मा का आशीर्वाद सभी पर बराबर है लेकिन कुछ लोग परिस्थितियों के अभाव में जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हैं
लेकिन इसके साथ ही शायद परमात्मा ने संजीत मलिक को इसलिए इतना सक्षम बनाया है कि ऐसे मजबूर लोगों की निःस्वार्थ भाव से सहायता कर सकें और ये सब करने में उनके दोस्त उनका पूरा साथ दे रहे है।
आप सभी अनुरोध है कि इस शुभ कार्य में आशीषा फाउंडेशन का सहयोग करें जिससे कोई भी परिवार भूखा ना सो सके।
इसी तरह से संजीत मलिक का पिछले साल कोरोना में लोगो को भूखे प्यासे जाते हुए देख कर मंन बहुत दुखी हुआ। कोई पैदल चला जा रहा था और कोई बच्चे को गोद मे लिए, सर पर बैठाये चला जा रहा था। न कोई उन्हें पूछने वाला था और न कोई हाल चाल लेने वाला नहीं था।
ये सब देख कर संजीत का मंन बहुत विचलित हुआ और लोगो की मदद करने की कोशिश की । उसके बाद संजीत मलिक ने अपने दोस्तों से यह आंखों देखा हाल सुनाया तब सबने मिल कर सलाह करी और सोचा कि लोगो की मदद के लिए एक संस्था बनाई जाए। फिर सभी दोस्तों ने मिलकर आशीषा फाउंडेशन की नींव रखी और जितना हो सकेगा उस से ज्यादा करने का हौसला ले कर आ गए लोगो के बीच।और भूखे लोगों की मद्द्त का काम शुरू कर दिया बस आप सब का प्यार और आशीर्वाद मिलता रहे।
आशीषा फॉउंडेशन के द्वारा कोरोना काल में कोरोना संक्रमित लोगो व उनके परिवार जनो को प्रतिदिन जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में व गरीब मोहल्लों में भोजन के पैकिट वितरण कर गरीबो की सहायता की जिससे कोई भी व्यक्ति भूखा न रह सके।