किसानों की लूट क्यों और उद्योगपतियों को छूट क्यों , वाह रे चौकीदार

बदायूँ ।भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना व जिलाध्यक्ष रामाशंकर शंखधार ने शनिवार को लोक अदालत पहुंचकर किसानों की दुर्दशा पर भड़क गए दोनों नेताओं ने कहा अदालत के अनुरूप बैंकों के ऋण अदा करने के लिए एक मुशत योजना के अंतर्गत जब स्टॉल लगाकर समाधान करना था तो फिर अदालत में बगैर न्यायाधीश के दलाल और बैंक कर्मियों द्वारा पहले अदालत परिसर में ही लूटा जा रहा था उसके बाद अदालत का वास्ता देकर किसानों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। अदालत में जब न्यायाधीश नहीं है उनके सामने कोई मसौदा तय नहीं हो रहा है तो फिर किसानों को न्याय क्या मिल रहा है।

लोक अदालत का सहारा लेकर बैंक किसानों से सरेआम कर रही लूट, नहीं होगा बर्दाश्त: राजेश सक्सेना

मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना ने कहा जिस तरह सरकार किसानों को बेवकूफ बनाने के लिए लोक अदालत का सहारा लेकर सरेआम लूट कर रही है। बैंक यह बर्दाश्त नहीं होगा। जब स्टाल लगाकर ही समाधान करना था तो न्यायालय का सहारा क्यों लिया किसानों को एक मुश्त योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। किसानों का लोन बिना दलाल के नहीं हो रहा है। आज लोक अदालत में दलालों के झुंड घूमते हुए दिखाई दिए दलाल व बैंक कर्मियों का पूरी तरह सेटिंग करके पहले ही तय कर लिया जाता है। इस किसान को कितना लाभ देना है। बाकी बैंक कर्मी और दलाल आपस में बांट लेते हैं।

देश का अन्नदाता दुखी, बैंक, दलाल सुखी सुनिए कहानी…

जिलाध्यक्ष रामाशंकर शंखधार ने कहा जब किसान ने बैंक से कर्जा लिया है तो बैंक में ही उसका निपटारा होना चाहिए मगर उस कर्ज की बैंक वाले पहले आरसी काटते हैं फिर लोक अदालत का नोटिस भेजते हैं। जब किसान लोक अदालत आता है। अदालत में सुविधा के खातिर पैसा खर्च करके आता है लेकिन उसे वही बैंक कर्मी और दलालों का सामना करना पड़ता है नहीं दिखाई देते हैं। न्यायाधीश आखिर यह कैसी लोक अदालत है माननीय लोक अदालत का मखौल बना दिया किसानों को आखिर सरकार इस तरह झांसा क्यों दे रही है किसानों को कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है जब देश के उद्योगपति पूंजी पतियों का लाखों करोड़ों रुपया राइट ऑफ बिना लोक अदालत के तो किसानों को लोक अदालत में क्यों बुलाया जाता है। आखिर देश में दो कानून कैसे चल रहे हैं एक तरफ छोटे कर्ज वालों के लिये जेल का डर दिखाया जाता है। दूसरी ओर उद्योगपति बैंकों को लूटकर विदेश में मौज मस्ती कर रहे हैं क्या हमारे देश का कानून बैंक लुटेरे के लिए पकड़ने में अक्षम है ।उन्होंने कहा अब किसी तरह के कर्ज की अदायगी नहीं करेंगे किसान जब तक विदेश में बैठे लुटेरों के खिलाफ सरकार नहीं करेगी कार्रवाई आज लोक अदालत पर जाकर बड़ा दुख हुआ।

जिस तरह अदालत परिसर में स्टॉल लगाकर दलाल और बैंक कर्मी किसानों को लूट कर रहे थे जब किसान किसी प्रकार का कर्ज नहीं देगा तो स्टॉल की क्या जरूरत है। स्टॉल लगाने में बैंकों का लाखों रुपया खर्च हो रहा है और किसानों को जो हजारों की तादाद में लोक अदालत के सम्मान के लिए और अपने फायदे के लिए मुख्यालय पर लाखों रुपया खर्च करके पहुंचे और मिला क्या खाली झुन्झना सरकार नहीं चाहती किसानों को मिले लाभ किसानों की लूट क्यों और उद्योगपतियों को छूट क्यों अब यह रवैया भारतीय किसान यूनियन किसी भी कीमत पर चलने नहीं देगी बड़े आंदोलन के लिए किसान तैयार रहे।इस अवसर पर महेंद्र कुमार दातागंज तहसील उपाध्यक्ष सूरजपाल बाबाजी, हरेंद्र सिंह जिला सचिव, रण सिंह उर्फ पप्पू, शाहिद अली प्रमुख महासचिव,नरेंद्र कुमार सक्सेना तहसील अध्यक्ष सदर, अर्जुन सिंह जिला उपाध्यक्ष, जोगेंद्र सिंह वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष, बाबा अजय पाल सिंह,वी पंडित रामकुमार शर्मा आज लोग मौजूद रहे।