चौपला चौराहे पर तीन लेन व बरेली-बदायूं मार्ग एवं पुराना बस अड्डा के लिए दो लेन उपरिगामी सेतु के लिए पुनरीक्षित लागत 7427.88 लाख रुपये की स्वीकृति
मंत्री जितिन प्रसाद ने धनराशि अनुमोदि करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार किया प्रकट..
सेतुओं के निर्माण से कावंड़, गंगा स्थान मेला, उर्स आदि में शामिल होने वाले
श्रद्धालुओं को होगी सुविधा
उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने जनपद बरेली में चौपला चौराहे पर दिल्ली-लखनऊ मार्ग पर तीन लेन उपरिगामी सेतु व बरेली-बदायूं मार्ग एवं पुराना बस अड्डा के लिए दो लेन उपरिगामी सेतु के निर्माण कार्य हेतु पुनरीक्षित लागत 7427.88 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का हृदय से आभार प्रकट किया है।
मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर युद्धस्तर पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर पिछले साढ़े छह साल में गांव, तहसील, ब्लॉक मुख्यालय, अंतरराष्ट्रीय/अंतरराज्यीय सीमा वाले मार्ग, चीनी मिल क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र एवं धर्मार्थ मार्ग के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और पुनर्निर्माण पर युद्धस्तर पर काम हुआ है। इस दौरान प्रदेशभर में 5 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों का जाल बिछाने का कार्य किया गया है। इसके लिए योगी सरकार ने करीब नौ हजार करोड़ की धनराशि खर्च की है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि उपरिगामी सेतु का कार्य 92 प्रतिशत पूर्ण है। चौपला उपरिगामी सेतु के दिल्ली-लखनऊ मार्ग पर 03 लेन उपरिगामी सेतु एवं पुराना बस अड्डा 02 लेन सेतु का निर्माण कार्य पूर्ण है। नवीन सेतु पूर्व निर्मित सेतु से जोड़ने वाली भुजा का निर्माण कार्य शेष है। उन्होंने कहा कि पुनरीक्षित लागत में मूल स्वीकृति के सापेक्ष 1496.57 लाख रुपये की वृद्धि हुई है।
मंत्री प्रसाद ने कहा कि सेतु का निर्माण कार्य जनपद बरेली के मुख्य एवं व्यस्ततम मार्ग पर स्थित होने के कारण प्रायः कावंड़, गंगा स्थान मेला, उर्स आदि होने के कारण निर्माण कार्य बार-बार रोके जाने के कारण परियोजना का कार्य प्रभावित रहा है। इसके अतिरिक्त वन संरक्षित भूमि होने के कारण पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुमति लेने में थोड़ा समय लग गया, जिस कारण परियोजना में समय से पूरी नहीं हो पाई थी। इसके अलावा निर्माण कार्य कोविड महामारी के दौरान मार्च, 2020 से जुलाई, 2020 तक लेबर न मिलने के कारण पूर्णतयः बन्द रहा ह। इन्हीं सभी वजहांें से निर्माण कार्य में विलम्ब हुआ। पुनरीक्षित धनराशि मंजूर होने से निर्माण कार्य तेजी से होगा और निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण कर लिया जायेगा।