सोनौली महराजगंज: भारत में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण से जहां पूरा देश भयभीत है. वहीं, कई बड़े शहरों में लॉकडाउन जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. वे अपने घरों को लौटने को मजबूर हो गए हैं.


नहीं मिल रहा है काम…
भारत नेपाल के सोनौली सीमा से हर रोज भारी संख्या में देश के विभिन्न शहरों जैसे दिल्ली, मुम्बई, इंदौर,जयपुर, बैंगलोर से नेपाली कामगार अब अपने घरों को लौटने लगे हैं. एक बार फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति एवं कोरोना वायरस की भयावहता को देखते हुए वह अपने घरों को लौटने को मजबूर हो गए हैं. भारत के विभिन्न शहरों से लौट रहे नेपाली नागरिकों का कहना है कि तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस और लॉकडाउन की स्थिति से कामकाज मिलना बंद हो गया है जिससे वह अपने देश फिर से वापस लौट रहे हैं.
कोविड जांच के बाद दिया जा रहा है प्रवेश..
कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत से पलायन करने वाले नेपाली नागरिको को सोनौली सीमा पर उनके स्वास्थ्य की जांच के बाद ही नेपाली प्रशासन द्वारा उन्हें नेपाल में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. भारत में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए नेपाल सरकार पूरी तरह के सख्त है.भारतीय नागरिकों पर भी पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है, जबकि जो भी नेपाली नागरिक भारत से वापस वतन लौट रहे हैं. उनका कोविड टेस्ट होने के बाद ही उन्हें नेपाल में प्रवेश करने दिया जा रहा है.

पिछले साल भी लाखों नेपाली नागरिक लौटे थे वतन..
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जहां एक बार फिर भारत से नेपाली कामगार नेपाल लौटने को विवश हैं. वहीं, मार्च 2020 में भी जब भारत में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला था और लॉकडाउन हो गया था उस समय भी लाखों की संख्या में नेपाली कामगार अपने वतन लौटने को मजबूर हुए थे. प्रतिदिन हजारों की संख्या में भारत से नेपाल लौट रहे थे. वहीं, इस बार भी स्थिति खराब देखते हुए एक बार फिर नेपाली नागरिक अपने वतन लौटने को मजबूर हो रहे हैं. बता दें 25 मार्च 2020 से भारत नेपाल की सोनौली सीमा को पब्लिक मोमेंट्स के लिए रोक लगा दी गई थी और सिर्फ मालवाहक ट्रक के ही भारत से नेपाल जाने दिया जा रहा था.

नौतनवां तहसील प्रभारी दीपक बनिया