बिनावर। आपसी प्रेम, सौहार्द, सामाजिक समरसता, ईश्वर के प्रति भक्तिभाव का शौक पैदा करने, कलयुग की सरल साधना (नामदान) का भेद देने के साथ अच्छे समाज के निर्माण का लक्ष्य लेकर 11 जिलों व 108 दिनों की शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध, आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा लेकर जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं परम सन्त बाबा जयगुरुदेव महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज वर्तमान में बदायूँ जिले में विकास खण्डवार सत्संग भ्रमण पर हैं। आसैस बरपीन में जनपद का पहला सत्संग सन्देश सुनाने के बाद दीपावली के दिन सायंकाल जगत ब्लाक के ग्राम गौसपुर पधारे। सजावट के साथ स्थानीय भाई-बहनों व बच्चे-बच्चियों ने सुसज्जित कलशों, फूल मालाओं, रंगोली, आतिशबाजी, घुड़सवारों तथा बैण्ड बाजे के साथ पूरे काफिले का भव्य स्वागत किया। आज यहाँ सत्संग समारोह का आयोजन हुआ।


अपने सत्संग सम्बोधन में पूज्य पंकज महाराज ने कहा कि हमको आपको मिली हुई यह मनुष्य शरीर, परमात्मा का दिया हुआ वरदान है। ये मानव तन, न जाने किस महात्मा की आप पर दया हो गई, न जाने कौन-कौन से जन्म जन्मान्तरों के शुभ पुण्य कर्म उदय हो गया। अपनी जीवात्मा के कल्याण के लिये थोड़ा बहुत विचार करियेगा वरना ये समय तुम्हारा निकलता चला जा रहा। ‘‘मिली नर देह यह तुमको, बनाओ काज कुछ अपना। पचो मत आय यहि जग में, जानियो रैन का सपना।।’’ अरे नर-नारियों! जैसे रात में हम सब लोग स्वप्न देखते हैं और जब सुबह उठते हैं तोे वह झूठा प्रतीत होता है। ठीक उसी तरह से यह दुनियां भी दस-बीस, सौ साल का स्वप्न है। जिस दिन मौत का वक्त आयेगा आप रोओगे-चिल्लाओगे कि हाय हमने सारी जिन्दगी स्वप्न में गुजार दी। जागने का समय तो अभी आया था। ये घर-बार, ये दुनियां सरायखाना है, मुसाफिरखाना है। एक दिन छोड़कर सबको चले जाना है। जब इतना मालूम है तो फिर दुनियां के झगड़े-झण्झट, मारपीट, लूट-पाट आखिर किसलिये? और जब जाना है तो अपने साथ क्या लेकर जाओगे? यहां का तो सारा सामान यहीं रखा लेगा क्योंकि यह शरीर भी तो काल भगवान का दिया हुआ है। सच्चे देश की तो बस जीवात्मा है। जो इस देह से यमदूतों के द्वारा जबर्दस्ती खाली करा ली जायेगी। जीवन के सारे शुभ या अशुभ कर्म उसी जीवात्मा के साथ रह जायेंगे। बाकी शरीर तो जल कर खाक हो जायेगा। वहां धर्मराय की कचहरी में इस जीव का उसके अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब होगा और इस रूह को दोजखों व नर्कों में भारी यातनायें भोगनी पड़ेंगी। महात्मा-जन जब आते हैं तो जीवों को समझाते हैं कि साधू मत बनो, घर-परिवार मत छोड़ो। खेती, दुकान, दफ्तर का सारा काम ईमानदारी, मेहनत से करने के बाद घण्टे दो घण्टे का समय भगवान के सच्चे भजन के लिये भी निकालें और कलयुग की सरल साधना (सुमिरन, ध्यान, भजन) के द्वारा अपनी जीवात्मा को जगा लो। जिससे नर्कों की यातना से छुटकारा मिल जाये। जिसके लिये परमात्मा ने यह मनुष्य शरीर दिया है।


पूज्य महाराज ने वर्तमान समय में युवा पीढ़ी के नशे की गिरफ्त में आने पर विशेष चिन्ता व्यक्त की और कहा कि ये युवा ही देश की धरोहर हैं। सभी धर्म के लोगों, बुद्धिजीवियों, समाज सेवियों, परिवारीजनों से हमारी अपील है कि भरसक इन युवाओं को व्यसनों से बचाने का जतन करें, शाकाहारी बनायें, इसी से देश व दुनियां में परिवर्तन सम्भव है।
शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा। उन्होंने आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले 75वें पावन वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला में आने का निमन्त्रण दिया।
इस अवसर पर बदायूँ संगत के जिलाध्यक्ष उपदेश सिंह, आयोजक जयपाल सिंह, आमोद कुमार, चरन सिंह, आराम सिंह, अरविन्द, मोहित, महिला संगत से श्रीमती श्याम बेटी, मनोरमा देवी, कमला देवी, सहयोगी संगत जौनपुर अध्यक्ष ऋषिदेव श्रीवास्तव, बाबूराम यादव, शिव प्रसाद यादव, बबलू सेठ, कल्लन यादव आदि उपस्थित रहे।