31 दिसम्बर 2023 तक प्रदेश में चलेगा अभियान, निराश्रित/छुट्टा पशुओं को पहुंचाया जायेगा गौआश्रय स्थल-मा0 मंत्री
गौवंशों की नस्लों में किया जायेगा सुधार, अधिक दूध देने वाले पशुओं को नहीं छोड़गें पशुपालक
गौ आधारित खेती करें किसान, खेती के साथ पशुपालन से होगी किसान की आय दोगुनी
मंत्री पशुधन दुग्ध एवं विकास धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में आज गौवंश संरक्षण के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक विकास भवन सभागार में आयोजित हुई।
मंत्री ने कहा कि 01 नवम्बर से प्रदेश में अभियान चलाकर निराश्रित/छुट्टा पशुओं को चिन्हित कर गौआश्रय स्थल पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। यह अभियान 31 दिसम्बर 2023 तक चलेगा।
मंत्री ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर, 2023 तक निराश्रित गौवंशों के लिये एक वृहद अभियान चलाकर गौवंशों को संरक्षित किया जाये और कोई भी गौवंश किसानों के खेत, सड़क, गांव व मोहल्ला आदि जगहों पर दिखाई नहीं देनी चाहिए। यदि कोई पशुपालक अपनी गाय को दूध देने के बाद छोड़ देते हैं तो ऐसे लोगों के विरूद्ध पशु अधिनियम के तहत आवश्यक कार्यवाही की जाये।
मंत्री ने निर्देश दिये कि 01 जनवरी 2024 के बाद सड़क, खेत आदि स्थानों पर कोई पशु नजर ना आये और पशुओं के कान में टैग हो तो ऐसे लोगों के विरूद्ध पशु अधिनियम के तहत आवश्यक कार्यवाही की जाये।
मंत्री ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधन देशी गाय की नस्ल में सुधार अभी देशी गाय दूध कम दे रही हैं विदेशों में तकनीकी के माध्यम से दूध उत्पादकता बढ़ाई जाये। हमारे यहां भी हरियाणा, थारपारकर, गंगागीरी आदि गायों के सीमन देशी गायों को देकर उससे जो बछिया पैदा होगी और दूध में बढ़ोत्तरी होगी, तभी किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि साड़ों का बधियाकरण तभी करें जब वह बछड़ा हो।
मंत्री ने जिलाधिकारी से कहा कि उपजिलाधिकारियों के माध्यम से गोचर भूमि को कब्जा मुक्त करायें और उसमें हरा चारा व घास आदि उगाया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग का पैसा सड़कों व नालियों तक सीमित ना रखें उसे गौशालाओं पर व्यय किया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे पास अभी कुछ ऐसी गौशालाएं हैं, जिनमें क्षमता के सापेक्ष कम गौवंश हैं उन गौशालाओं में गौवंशों को भेजा जायेगा। इसके अतिरिक्त पूर्व से निर्मित गौशालाओं की बाउंड्रीवाल के अंदर यदि स्थान है तो अतिरिक्त गौ शेड बनवाये जायेगें। गौचर भूमि पर घास/हरा चारा लगवाया जायेगा और पराली आदि भी संरक्षित करवायी जायेगी। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गौ आधारित उद्यमों को बढ़ावा दिया जायेगा।
मंत्री को मुख्य विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि 01 नवम्बर से जनपद में अभियान चलाकर निराश्रित/छुट्टा पशुओं को चिन्हित कर गौआश्रय स्थल पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस अभियान में जनपद को शासन से 5000 गौवंश संरक्षित करने का लक्ष्य दिया गया है। हमारे द्वारा 7500 गौवंशों को संरक्षित करने की योजना बनायी गयी है। जनपद में 45 गौशालायें बनाने जा रहे हैं प्रत्येक गौशाला में 100 निराश्रित गौवंशों को रखने की क्षमता होगी। इसके अतिरिक्त 10 बड़ी गौशालायें 300 क्षमता की भी बनायी जा रही है। इस प्रकार कुल 7500 गौवंश संरक्षित करने की क्षमता वृद्धि की जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि दीवाली से पूर्व 10 दिन के अभियान के अन्तर्गत 2500 पशु पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है, अबतक 589 गौवंश संरक्षित कर लिये गये हैं। दीवाली के बाद पुनः अभियान चलाया जायेगा।