आई0जी0 राकेश सिंह ने कहा कि पुलिस तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के मध्य पीड़िताओं को प्रभावी सेवा व परामर्श देने हेतु समन्वय बनाने के लिए करें बैठकें..

मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संपन्न हुई मंडल स्तरीय कार्यशाला

जिलाधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु करें मासिक समीक्षा-सौम्या अग्रवाल
 

महिलाओं और बच्चों को सशक्त करने हेतु नवाचारों सहित कौशल विकास को सुनिश्चित करें-मंडलायुक्त

अंतिम पायदान पर स्थित बच्चे और महिला तक योजनाओं को लाभ पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है- निदेशक महिला कल्याण

इंटर डिपार्टमेन्टल कन्वर्जेन्स पर जोर देने पर विस्तृत कार्य योजना की गई विकसित

27 नवम्बर को सभी ग्राम पंचायत स्तर पर महिला एवं बाल सभाओं का होगा आयोजन

ग्राम पंचायत स्तर पर बाल सभा, महिला सभा का गठन एवं उनकी बैठकें आहूत की जाये, कमिश्नर

कार्यशाला में जिलाधिकारी बरेली रविन्द्र कुमार, जिलाधिकारी पीलीभीत,जिलाधिकारी शाहजहांपुर उमेश प्रताप सिंह, जिलाधिकारी बदायूं मनोज कुमार, नगर आयुक्त बरेली निधि गुप्ता वत्स, बरेली/बदायूँ/पीलीभीत/शाहजहाँपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे मौजूद..

मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में आज महिलाओं एवं बच्चों को संरक्षण और सशक्तिकरण प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई।

विदित है कि प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक मंडल में ऐसी कार्यशालायें आगामी 2 माह में आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं को मुख्य उददेश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस को बढ़ावा देना है।

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और घटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य के मुख्य घटकों और के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।

मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने कार्यशाला के दौरान कहा गया कि प्रत्येक जिलाधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु वार्षिक प्लान बनवायें, उनकी मासिक समीक्षा करें और इंटर डिपार्टमेन्टल कन्वर्जेन्स पर जोर दें। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये कि मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत जनपद, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों के गठन एवं त्रैमासिक समीक्षा बैठक आहूत करते हुये वार्षिक बाल संरक्षण कार्ययोजना की प्रगति की समीक्षा करें। बाल देखरेख संस्थाओं के नियमित निरीक्षण व बच्चों की देखरेख व संरक्षण संबंधी विषयों पर नियमित समीक्षा करें। उन्होंने निर्देश दिये कि बाल देखरेख संस्थाओं में बच्चों की स्थिति एवं उन्हें मूलभूत सुविधाओं जैसे कि भोजन, स्वास्थ्य, काउंसलिंग, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, योग, मनोरंजन एवं खेलकूद की उपलब्धता की स्थिति,  विशेषकर संप्रेक्षण गृहों हेतु कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करें। विभिन्न जनपदों में बाल देखरेख संस्थायें तथा महिलाओं से संबंधित गृहों को संचालित किये जाने की आवश्यकता का आंकलन करें। ग्राम पंचायतों में तैयार की जाने वाली ग्राम पंचायत विकास योजना में बच्चों एवं महिलाओं से सम्बंधित विषयों को सम्मिलित करते हुये योजनाओं में उल्लेखित 5 प्रतिशत बजट का प्रयोग करायें। ग्राम पंचायत स्तर पर बाल सभा, महिला सभा का गठन एवं उनकी बैठकें आहूत करने और बाल हितैषी ग्राम पंचायतें विकसित करने हेतु नवाचार शुरू करें।

आई0जी0 राकेश कुमार ने कहा कि पुलिस तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के मध्य पीड़िताओं को प्रभावी सेवा व परामर्श देने हेतु समन्वय बनाने के लिए बैठकें करें और योजनाओं के संबंध में स्टाफ को भी जागरूक करें।

निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर ने कहा कि इन कार्यशालाओं के माध्यम से मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के संशयों को दूर करते हुये अंतिम पायदान पर स्थित बच्चे और महिला तक योजनाओं को लाभ पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि जनपदों की आवश्यकताओं को देखते हुये प्रत्येक मंडल स्तर पर बच्चों व महिलाओं की विभिन्न श्रेणियों से संबंधित गृहों के संचालन की योजना बनाई है। साथ ही गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें जरूरतमंद बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है।

कार्यशाला में मंडल के चारों जनपदों द्वारा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विस्तृत कन्वर्जेंस कार्य योजना बनाई गई, जिसमें योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियां और उनको दूर करने हेतु विभागों द्वारा की जाने वाली अपेक्षित कार्यवाही व समय सीमा भी तय की गई।

विदित है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं-मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओं तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाना है। मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है। जिसके अन्तर्गत विभिन्न विभागों के कन्वर्जेंस के माध्यम से मिशन लक्ष्यों की प्राप्त किया जाने को महत्वता दी गई है।

कार्यशाला में जिलाधिकारी बरेली रविन्द्र कुमार, जिलाधिकारी पीलीभीत प्रवीण कुमार लक्षकार, जिलाधिकारी शाहजहांपुर उमेश प्रताप सिंह, जिलाधिकारी बदायूं मनोज कुमार, नगर आयुक्त बरेली निधि गुप्ता वत्स, बरेली/बदायूँ/पीलीभीत/शाहजहाँपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी बरेली/बदायूँ/पीलीभीत, उप निदेशक महिला कल्याण नीता अहिरवार, चारों जनपद के जिला प्रोबेशन अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य सलाहकार नीरज मिश्र, जावेद अंसारी व प्रीतेश तिवारी ने मुख्य रूप प्रतिभाग किया।

कार्यशाला में पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, जिला पंचायत, आईसीडीएस, श्रम, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेन्टर, हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेन्ट, आदि के अधिकारी/सदस्यगण मौजूद रहें।