सम्भल। सदर कोतवाली क्षेत्र के चिम्यावली में जिस तरह मीट फैक्ट्री पर एक के बाद एक फैक्ट्री पर कार्यवाही अमल में लाई गई। इससे फैक्ट्री संचालकों में हड़कंप मच गया। इन फैक्ट्री के कार्यवाही के कुछ दिनों बाद इंडियन फ्रोजन फूड्स को भी पॉल्यूशन विभाग की ओर से संबंधित अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया गया जबकि दूसरे अधिकारी ने पहले नोटिस को गलत बताकर दूसरा नोटिस जारी कर दिया और फैक्ट्री के प्रति सब कुछ ओके दिखा दिया जिसकी खबर चैनल और अखबारों में प्रमुखता के साथ प्रकाशित हुई थी खबर को संज्ञान में लेकर अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए तथा पॉल्यूशन विभाग की कार्यवाही पर सवालिया निशान भी लगने लगे की एक अधिकारी दूसरे के आदेश को क्यों विधि शून्य एवं निष्प्रभावी कर रहा है कि आप पॉल्यूशन विभाग का कानून सिर्फ दो ही फैक्ट्री पर लागू होता है और जिस तरह अलएफलाह और अलएरहमान पर कार्यवाही अमल में लाई गई क्या गैर कानूनी थी आखिर ऐसी क्या वजह रही अब जब तीसरी फैक्ट्री इंडियन फ्रोजन फूड पर कार्यवाही का नंबर आया तो उसको बचाने के लिए पॉल्यूशन विभाग का एक अधिकारी को सरेंडर होना पड़ा दिन मंगलवार 17/10/23 की शाम को जब संभल सदर एसडीम सुनील कुमार त्रिवेदी ग्राम चिमयावली में इंडियन फ्रोजन फूड फैक्ट्री में छापा मार कार्यवाही के लिए पहुंचे तो इसकी खबर मीडिया कर्मियों को भी लग गई जब मीडिया कर्मी फैक्ट्री पर पहुंचे तो फैक्ट्री संचालक ने उन्हें फैक्ट्री के अंदर नहीं घुसने दिया जिससे मीडिया कर्मी निराश होकर फैक्ट्री संचालक की फैक्ट्री के अंदर की कुछ भी जानकारी हासिल नहीं कर सके जब एसडीएम सुनील कुमार त्रिवेदी के फैक्ट्री से बाहर आने पर मीडिया कर्मी द्वारा जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कोई खास बात नहीं है। यह रूटीन की जांच है। अब सवाल यह उठता है अगर फैक्ट्री के अंदर कोई खास बात नहीं थी तो मीडिया कर्मियों को क्यों दूर रखा गया फिर एक बार इस फैक्ट्री को लेकर क्षेत्र में चर्चा होने लगी कुछ ना कुछ दाल में काला है। अगर इस फैक्ट्री में पॉल्यूशन विभाग के किसी बड़े अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराई जाए तो एक बार यह फैक्ट्री फिर जांच के घेरे में आ जाएगी क्योंकि अभी तक चूहा भाग बिल्ली आई का खेल खेला जा रहा है।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट