जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण से संस्थान में प्रशिक्षण का चौथा दिवस
बदायूँ। बताते चलें कि जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान में संचालित पांच दिवसीय प्रशिक्षण के चौथे दिन शिक्षकों को सुरक्षा व संरक्षा विषय को पाठ्य सहगामी क्रियाओं में शामिल करने पर जोर दिया गया।
सुरक्षा और संरक्षा के प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अध्यापकों को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे विद्यालय में सुरक्षित माहौल बनाए रखें और छात्रों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं। इसके लिए, विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है, जैसे कि सड़क सुरक्षा,यौन उत्पीडन,आपदा प्रबंधन , स्वच्छता और स्वास्थ्य, दुर्घटना प्रतिरोध, आग बुझाने की कला, चिकित्सा इमरजेंसी का प्रबंधन, प्राथमिक चिकित्सा जानकारी, विद्यालय में सुरक्षा नीतियों का पालन, छात्रों को संरक्षित रखने के तरीके, और अन्य संबंधित विषयों पर ज्ञान और कौशल प्रदान किए जाते हैं। प्रशिक्षण सभागार में डाइट प्राचार्य मुनेश कुमार ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा किअध्यापकों के लिए सुरक्षा और संरक्षा प्रशिक्षण का महत्त्वपूर्ण फायदा यह है कि वे अपने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रख सकते हैं और अपातकालीन स्थितियों में उचित कार्रवाई कर सकते हैं। इसके अलावा, इस प्रशिक्षण से अध्यापकों की ज्ञानवर्धन होती है और उनकी योग्यता में सुधार होता है, जो उन्हें सुरक्षा और संरक्षा के क्षेत्र में प्रभावी रूप से कार्य करने में मदद करता है। नोडल प्रशिक्षक मोहम्मद सरवर ने बताया कि अध्यापकों को सुरक्षा और संरक्षा के प्रशिक्षण के माध्यम से नवीनतम नीतियों, तकनीकों, और सुरक्षा प्रथाओं का ज्ञान प्रदान किया जाता है, जो उन्हें विद्यालय में सुरक्षित माहौल बनाए रखने में मदद करता है और छात्रों की सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता देता है। इस प्रशिक्षण में संदर्भदाता के रूप में अनुपम चौधरी, दीपक मिश्रा, मनीष कुमार, अजीत सिंह, अर्चना, अभिषेक उपाध्याय , राजीव भटनागर ने सभी प्रतिभागियों को अपने अपने विषयगत बारीकियां समझाई। प्रशिक्षण के अंत में हार्टफुलनेस संस्था के माध्यम से अनुज सक्सेना व लाखन सिंह द्वारा सभी शिक्षकों को तनाव मुक्त रहने की स्तिथि से अवगत कराया गया।
रिपोर्ट सैयद तुफैल अहमद