देश भर में एक वक्त था जब जान चली जाती थी लेकिन पीड़ित परिवार वालो को मरीज के लिए रक्त नही मिल पाता था। जिसको देखते हुए कुछ लोगो ने सघर्ष कर लोगो को जागरूक किया और कि रक्तदान महादान है रक्त को दान करने से रक्तदाता को किसी तरह की परेशानी नही होती है बल्कि किसी को आपके किये गए रक्त से जिन्दगी मिल सकती है। किसी मरीज़ को जिन्दगी मौत देना तो ऊपर वाले के हाथ मे है लेकिन आपके दान किये गए रक्त से मरीज़ की ही नही मरीज परिवार को भी जिन्दगी मिल सकती है। किसी मासूम बच्चे को उसके माता पिता का साया मिल सकता है, किसी बुजुर्ग माता पिता को बुढ़ापे में अपनी ओलाद का सहारा मिल सकता है। किसी बहन को उसका पति तो किसी बहन को उसके भाई का सहारा मिल सकता है, किसे के घर का चिराग आपके रक्त से हमेशा के लिए बन्द होने से बच सकता है । इसी उद्देश्य से लोगो मे जागरूकता फैली और अब हालात यह आ गए है कि किसी मरीज को जरूत पड़ने पर मोबाइल द्वारा संचालित ग्रुपो में रक्तदान करने के लिए लोग मैसेज देख खुद ही पुन्य की नीयत से चले आते है । लेकिन इस काम मे कुछ लोगो ने अपना मुफाद भी तलाश लिया और ग्रुप में जुड़े रक्तदाताओं से रक्त लेकर बेचने का कारोबार शुरू कर दिया।

इस तरह की जाने लगी कमाई
जब किसी मरीज को रक्त की जरूरत होती है तो वह रक्त ग्रुप के संचालक को एजेंट द्वारा जो कि हॉस्पिटल में ही कार्यकत कर्मचारी होता है वह फोन करता ग्रुप के संचालन करने वाले व्यक्ति को जिस पर ग्रुप का संचालन कर रहा व्यक्ति भोले भाले रक्तदाता ग्रुप के माध्यम से अवगत कराता है और रक्तदाताओं को फोन भी करता है और कहता है कि नामचीन हॉस्पिटल में फला नाम के व्यक्ति को रक्त की सख्त जरूरत है जिस पर रक्तदाता यह सोच रक्त दान कर देता है कि उसके रक्त से किसी को जिन्दगी मिल जाएगी और रक्त दान कर आता है। और कुछ रक्तदाता रक्त दान से पहले मरीज़ की पुष्टि डॉक्टर व हॉस्पिटल से भी प्राप्त कर लेते है लेकिन जब रक्त फ्री में या पैसो में दिया जा रहा है कि पुष्टि करता है तो मरीज के परिजनों को एजेंट द्वारा बताता दिया जाता है कि जो काम आप करा रहे हो और जो हम कर रहे है वह दोनों गलत है। लिहाजा पैसे का ज़िक्र मत करना यह सब पहले ही समझा दिया जाता है।

अब रक्त देने वाले रक्तदाताओं की कमी नही है। किसी भी व्यक्ति के जाल में न फँसे अपने मरीज के लिए अपने ही परिचित रक्तदाता से ले रक्त ब्लैड बैंक में रक्त चार्ज जम्बू पैक का 11हज़ार पीसी का 4सौ होल्डबल्ड का 1450 व एफएक्सपी मात्र 400 जाता है। इससे अधिक अगर मरीज से पैसे वसूले जाते है तो वह सीधे कालाबाजारी के तौर पर वसूले जाते है।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट