बदायूँ । देश और प्रदेश की सरकार गरीबों के लिए फ्री में इलाज मुहैया करा रही है। जिला अस्पताल में तैनात डाक्टर और बाहरी स्टॉफ उस गरीब वृद्ध महिला की एक बात सुनने के लिए राजी नहीं है बल्कि उससे रुपए मांग रहे है। जिसके खाने तक के लाले पड़े हो वह कहा से लाए रुपए और कैसे कराए अपना इलाज गरीब होना भी अपने आप में एक बड़ा अभिशाप है, गरीबी और बीमारी का चोली दामन का साथ है, अगर आप गरीब है ऊपर से बीमारियां घर कर जाय तो मानों इंसान टूट सा जाता है। गरीबी में दो वक्त की रोटी मिल पाना बेहद मुश्किल होता है और ऊपर से बीमारी पूरे परिवार को और लाचार बना देती है। यूं तो भारत सरकार के साथ साथ राज्य सरकारों द्वारा गरीबी हटाने के लिए सैकड़ों सरकारी योजनाएं है। लेकिन ना गरीबी हट रही है और ना ही गरीबों का उत्थान हो रहा है। उल्टा गरीबी से गरीबों में बीमारियां जरूर बढ़ रही है। ऐसा बिलकुल नहीं है कि इन गरीबों के मुफ्त और किफायती इलाज के लिए सरकारी योजनाएं नहीं है लेकिन ये योजनाएं गरीब तक पहुंचने से पहले ही जिला अस्पताल के डाक्टर और बाहरी(दलाल) स्टॉफ की बजह से दम तोड़ देती है।
जिला अस्पताल में गरीब वृद्ध महिला भर्ती, डाक्टर नही सुन रहे गुहार
जिला अस्पताल में एक बुजुर्ग गरीब महिला कादरचौक क्षेत्र की असगरी (65) पत्नी स्वर्गीय मशकूर निवासी रमजानपुर एक सप्ताह से हड्डी वार्ड में भर्ती है जिसको पड़ोस की किसी महिला ने धक्का दे दिया था और वह जमीन पर गिर पड़ी जिससे उसका कूल्हा टूट गया गरीब वृद्ध महिला अपने इलाज के लिए डॉक्टर रियाज अहमद से गुहार लगा रही है मगर डॉक्टर उसकी पुकार को अनसुना कर रहे हैं। और उससे कह रहे है कि तुमारे कुल्हे का ऑपरेशन होगा उसका सामान बाहर से आएगा जिसके लिए रुपए चाहिए मगर उसकी हालत ऐसी है खाने तक को उसके पास पैसे नहीं है ऐसे में अपना इलाज कैसे कराए फिर भी डॉक्टर का दिल नहीं पसीज रहा है। रुपए नहीं है तो सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज कैसे कराएं।
सीएमएस डॉ कप्तान सिंह से इस संबंध में फोन से जानकारी लेनी चाहिए तो फोन नही लगा।