बदायूँ । यूपी चिकित्सा विभाग के निर्देश के बाद भी डाक्टर सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। प्रदेश के जिला अस्पताल में डाक्टर शासनादेश की धज्जियां उड़ा रहे है।
सरकारी अस्पताल में शासनादेश बाद भी डाक्टर बाहरी व्यक्ति, प्राइवेट लोगों से काम करवा रहे हैं।
सरकारी अस्पताल में बाहरी व्यक्तियों से इसलिए काम करवा रहे है जिससे ओटी में अवैध उगाई हो सके। भ्रष्टाचार से संबंधित कोई मामला उजागर होता है तो
यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते है हमारा कोई आदमी नहीं है बाहरी कोई दलाल होगा और वह कार्रवाई से साफ बच जाते है। प्राइवेट और बाहरी व्यक्तियों के द्वारा रिश्वत लेने का कार्य किया जाता है। जिससे सरकारी लोगों पर कोई आंच नहीं आए सरकार के आदेशों के बाद भी सरकारी अस्पताल में बाहरी व्यक्ति काम कर रहे हैं सरकार ने कहा है कि यदि सरकारी अस्पताल या संस्थान में कोई निजी कर्मी बाहरी व्यक्ति काम करता पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अभी तक कोई बाहरी व्यक्ति नहीं हटा, नही संबंधित डाक्टर हुई कार्रवाई।
दरअसल यह मामला जिला अस्पताल की ओटी में तैनात डाक्टर रियाज अहमद हड्डी रोग विशेषज्ञ ने सरकार के नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम बाहरी व्यक्तियों से काम करवा रहे है।
जिला अस्पताल की ओटी में कौन कौन कर रहा है काम
जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में रूपलाल, नेमपाल, अजय यह तीन सरकारी कर्मचारी है और एक वीरू ठेका वाला कर्मचारी है बाहरी व्यक्ति कैलाश, राम बहादुर सुमित, समेत चार व्यक्ति अज्ञात है जो अस्पताल के अंदर घुस कर ऑपरेशन थिएटर में घायलों का उपचार कर रहे है।
हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि डॉक्टर रियाज की देखरेख में यह बाहरी व्यक्ति मरीजों के टांके लगाने से लेकर ऑपरेशन के मरीजों कि मरहम पट्टी कर रहे है। यही बाहरी लोग ऑपरेशन थिएटर में गरीब मरीजों से अवैध उगाही का काम करते हैं।जबकि सरकारी अस्पताल में बाहरी व्यक्तियों को काम करने की कोई अनुमति नहीं है।
अस्पताल में भ्रष्टाचार को जन्म दे रहे ओटी चिकित्सक और बाहरी व्यक्ति
आपने सुना होगा प्राइवेट अस्पताल… ये नाम सुनते ही आमतौर पर लोगों के दिमाग में एक ही बात आती है, महंगा इलाज और महंगी दवाइयां आमतौर पर चर्चाओं में कहा जाता है कि प्राइवेट अस्पताल तो नोट छापने की मशीन बन चुके हैं। लेकिन आज सरकारी अस्पतालों में महंगी दवाएं गैरकानूनी तरीके से बाहर की डाक्टर दवाइयां लिख रहे है और सरकारी अस्पताल में गरीब मरीज का इलाज कर रहे हैं। मरीज गरीब महंगी दवाएं कर्ज लेकर मरीज करा रहे जिला अस्पताल में अपना इलाज लेकिन जिला अस्पताल की ओटी में प्राइवेट अस्पतालों की तरह बैठता है खर्चा
होगा पर्दाफाश और आपको बताएंगे कि कैसे प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर डाक्टर मरीजों को महंगी दवाएं खरीदने और अवैध वसूली के लिए मजबूर कर रहे हैं।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर कप्तान सिंह ने बताया कि हम सरकार से बड़े नहीं हैं हमें शासन के आदेशों का पालन करना चाहिए और करेगे।