सम्भल। श्री कृष्ण जन्मोत्सव वैसे तो देश भर में हर्षोल्लाह के साथ मनाया जाता है पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी जन्म महोत्सव बुधवार और बृहस्पतिवार के दिन धूमधाम से मनाया गया इस दिन क्षेत्र के सभी मंदिरों को रंग बिरंगी लाइटों की रोशनी कर जगमगाया गया तथा माखन भारी हांडी को भी स्पेशल रूप से कन्हैया को खाने के लिए तैयार किया गया तथा कान्हा को झूला भी झुलाया गया तथा सुबह से ही महिलाएं बूढ़े बच्चे उपवास रखकर कान्हा का जन्म महोत्सव मनाने में दिनभर अपनी श्रद्धा अनुसार व्यंजन की तैयारी में व्यस्त रहे जैसे ही रात को ठीक 12:00 बजे तो कन्हैया का जन्म जन्म लेते ही मंदिरों में घंटा घड़ियाल बजाने की आवाज बहुत दूर-दूर तक गूंजने लगी तथा विधिवत उपवास रखने वाले सभी श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जा
जाकर कान्हा का भोग लगाया और अपने-अपने घरों पर सजे मंदिरों को साज सजा कर रूप देकर सुंदर बनाया तथा तरह-तरह के व्यंजनों से 56 भोगों का भी कन्हैया के सम्मुख भोग लगाया तथा भजन कीर्तन भी काफी देर तक चलते रहे जिसका नजर दिल्ली गुड़गांव हरियाणा रोहतक तथा उत्तराखंड के रुद्रपुर में भी देखने को मिला जहां घर में माता-पिता अपने छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों को श्री कृष्णा और राधा के स्वरूप में झांकियां तैयार कर बना रहे थे कान्हा का स्वरूप और राधा की मनमोहिनी छवि
हर किसी को कॉलोनी में लुभाती रही तथा मंदिर और घरों में स्पेशल शुद्ध साफ सफाई से तैयार किए गए कान्हा के व्यंजनों का प्रसाद भी तैयार किया गया इस मनमोहन झांकियां को देखने वालों में विशेष उत्साह देखने को मिला तथा कुछ श्रद्धालुओं को मंदिर दूर होने की वजह से घर पर ही कृष्ण और राधा के दर्शन हो रहे हैं। माता-पिता भी अपने-अपने बच्चों की इन झांकियां को देखकर बेहद खुश नजर आए।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट