बदायूँ। राजकीय महाविद्यालय बदायूँ में इतिहास विभाग के निर्देशन में अनुसंधान पद्धति में वर्तमान के रुझान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ अंशु सत्यार्थी मुख्य वक्ता डॉ विकास प्रधान विशेष आमंत्रित अतिथि डॉ पंकज सिंह यादव द्वारा दी प्रज्वलित कर किया गया तत्पश्चात कार्यशाला के संयोजक डॉ अनिल कुमार ने कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया की लघु शोध अप्पा स्नातक स्तर पर अनिवार्य विषय के रूप में नवीन शिक्षा नीति में समाहित किया गया है। नवीन शिक्षा नीति के वर्तमान पैटर्न के अनुसार छात्र-छात्राओं को लघु शोध प्रबंध के रूप में कार्य करना आवश्यक कर दिया गया है। छात्र-छात्राओं की कठिनाई को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन कर लघु शोध प्रबंध को संपादित करने के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डालने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन राजकीय महाविद्यालय बदायूँ में किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित राजकीय महाविद्यालय बीसलपुर पीलीभीत के अर्थशास्त्र विभाग के डॉक्टर विकास प्रधान ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए शोध के क्षेत्र में अपने पूर्ण समर्पण के साथ विषय के चुनाव और उसके परिकल्पनाओं को विशेष रूप से आत्मसात कर गहन चिंतन मनन के साथ चुनाव करने की आवश्यकता पर जोर दिया, उन्होंने बताया उन्होंने बताया कि यह शोध के माध्यम से ही संभव हो सका की मिशन चंद्रयान टू जिस रास्ते से प्रक्षेपित किया गया था। उसी रास्ते से मिशन चंद्रयान 3 को भी भेजा जा सका जो कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण परिधि से निकलकर उसे रास्ते से होता हुआ चांद की धरती पर लैंड हो सका वर्तमान में समझ में व्याप्त विभिन्न प्रकार की समस्याओं और उनके समाधान का सटीक जवाब लघु शोध प्रबंध के माध्यम से ही दिया जा सकता है। भिन्न-भिन्न विषयों से संबंधित भिन्न-भिन्न समस्याओं के निराकरण का एक सशक्त हथियार लघु शोध प्रबंध के माध्यम से परस स्नातक के छात्र-छात्राओं को मुहैया कराया गया है। जिसका फायदा उठाते हुए छात्र-छात्राएं राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं एवं शोध के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रक्षपाल बहादुर टीचर्स ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर पंकज यादव ने अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं का आवाहन करते हुए शोध के विभिन्न चरणों और उनको संपादित करने के लिए विभिन्न तोल के सटीक इस्तेमाल की विस्तृत जानकारी छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई उन्होंने बताया की शोध सर्वे के आधार पर समस्याओं को इंटरनेट के माध्यम से या डाटा संग्रहित कर निकाला जा सकता है। वर्तमान में नवीन शिक्षा नीति के माध्यम से सामाजिक उत्थान एवं मानसिक उत्थान के लिए शोध एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। छात्र-छात्राओं को शोध की विभिन्न पद्धतियों को ठीक से समझ कर मूल्य परक शोध प्रबंध प्रस्तुत करना चाहिए किस प्रकार से ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यमों से संबंधित विषय के लिटरेचर रिव्यू की जानकारी हासिल की जा सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉक्टर अंशु सत्यार्थी ने छात्र-छात्राओं को अनिवार्य विषय शोध के रूप में प्रदान किए गए इस मौके का लाभ उठाकर शोध छात्र के रूप में अपने आप को स्थापित करने का एक बेहतरीन मौका उपलब्ध कराती है। आए हुए सभी अतिथियों का उपस्थित छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए हिंदी विभाग के डॉक्टर प्रेमचंद ने लघु शोध विषय से संबंधित छात्र-छात्राओं की समस्या के निराकरण हेतु पुनः आमंत्रित करने के आवाहन के साथ सभी का धन्यवाद व्यापित किया। इस अवसर पर हिंदी विभाग द्वारा हिंदी विषय की पूर्व छात्र कुमारी श्वेता सिंह को दो बार नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर महाविद्यालय का गौरव बढ़ाने के लिए सम्मानित किया गया । कार्यशाला ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों रूपों में संचालित रही ऑनलाइन यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया गया विभिन्न प्रदेशों के लगभग 400 प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला हेतु अपना पंजीकरण कराया एवं ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों माध्यम से ज्ञान गंगा का रसास्वादन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के समाजशास्त्र विवाह की डॉ0 बबीता यादव डॉक्टर सतीश सिंह यादव वाणिज्य विभाग के डॉक्टर पवन कुमार शर्मा राजनीति विज्ञान विभाग के राजधारी यादव डॉक्टर दिलीप कुमार वर्मा रसायन विज्ञान विभाग की डॉक्टर सारिका शर्मा श्री, अंग्रेजी विभाग की डॉक्टर ज्योति विश्नोई मिथिलेश सिंह वनस्पति विज्ञान विभाग की डॉक्टर सरिता यादव एवं शारीरिक शिक्षा विभाग के डॉक्टर हुकुम सिंह डॉ गौरव कुमार डॉक्टर सचिन कुमार एवं विभिन्न शोध छात्राएं उपस्थित रहे।