बदायूं। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान टीमें घर-घर कुष्ठ रोगी को जाकर खोजेंगी। कुष्ठ रोग से मुक्त करने के उद्देश्य से 1 सितंबर से 30 सितंबर तक पूरे माह संघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान एवं नियमित निगरानी कार्यक्रम चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की 1095 टीमें घर घर जाकर संभावित कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित करेंगी। संदिग्ध रोगी की स्वास्थ्य केंद्र पर जॉच की जाएगी। कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाएगा। जल्द सही समय पर इलाज मिलने से व्यक्ति विकलांगता से बच जाएगा। साथ ही कुष्ठ रोग के बारे में टीमें प्रचार कर समुदाय को जागरूक भी करेंगी। इसका प्रशिक्षण टीमों को दिया जा चुका है।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉक्टर सुधीर कुमार गुप्ता ने बताया कुष्ठ रोग कोई छुआछूत का रोग नहीं है। यह एक जीवाणु माइकोबैक्टेरियम लैपरेई से होता है। कुष्ठ रोग में सुन्न दाग धब्बे मिलते हैं । जिनमें खुजली नहीं होती ।। पसीना नहीं आता । दाग के ऊपर बाल गिर जाते हैं। कुष्ठ रोगियों से भेदभाव ना करें। यह आम रोगों की तरह है जो एमडीटी का कोर्स पूरा करने से पूर्णतया ठीक हो जाता है। समय पर इलाज ना मिलने से व्यक्ति विकलांग हो जाता है। उपरोक्त कार्यक्रम के माध्यम से भारत सरकार का लक्ष्य यही है कि कुष्ठ से कोई भी विकलांग ना हो। कुष्ठ रोग मुख्य रूप से चमड़ी एवं तंत्रिकाओं को प्रभावित करने वाला रोग है । यह रोग धीरे-धीरे बढ़ता है। तथा समय पर इलाज ना मिलने पर व्यक्ति दिव्यांग हो जाता है। यह अभियान ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में चलेगा जहां पिछले 3 सालों में कुष्ठ के रोगी पाए गए हैं। टीमें घर-घर जाकर सर्वे करेंगी तथा कुष्ठ रोगियों को खोजेगी। माननीय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है कि 2025 तक भारत कुष्ठ मुक्त हो जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉक्टर सुधीर कुमार गुप्ता अपने एनएलईपी स्टाफ एन एम ए एन एम एस एवं पीएमडब्ल्यू के साथ जनपद बदायूं को कुष्ठ मुक्त करने हेतु प्रयासरत है।