प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर ‘‘बेटियां बनें आत्मरक्षक‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत आत्मरक्षा के उपाय सींखती बालिकाएं।

बालिकाएं घबराएं नहीं, चुनौतियों को स्वीकारें: संजीव
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: शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर ‘‘बेटियां बनें आत्मरक्षक‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत बालिकाओं को ऊंची इमारतों से उतारना, डूबते हुओं को बचाना, घायलों को उपचार देना, विपत्तियों और प्राकृतिक आपदाओं में फंसे लोगों को निकालना और स्वयं को तैयार रखने की ट्रेनिंग दी गई गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि बालिकाएं अपनी शक्ति, स्फूर्ति, ऊर्जा को पहचानें। घबराए नहीं, चुनौतियों को स्वीकारें। प्रतिभा के समक्ष दुनियां नतमस्तक होती है। श्रेष्ठ चिंतन से गौरवशाली इतिहास रचकर देश को नई ऊँचाईयों पर पहुंचाएं। नई पीढ़ी को नई राह दिखाएं।

गायत्री शक्तिपीठ के परिब्राजक सचिन देव ने कहा कि बालिकाएं मुश्किल चुनौतियों का सामना कर बुलंदी का मार्ग प्रशस्त करती हैं। प्रतिभा सुविधा और संसाधनों की कमी नहीं देखती। देश पर जब भी विपत्तियां आई हैं, वीरांगनाओं ने प्राणों की बाजी लगाकर राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है।
समेकित शिक्षा के शिक्षक सुरेश कुमार मिश्रा ने बच्चों की हौंसला आफजाई की। उन्होंने कहा कि बालिकाएं जीवन में आने वाली बाधाओं से पार कर आगे बढ़ें। अपने ऊंचे आदर्श और लक्ष्य को पाएं।
बालिका नेहा, कल्पना, अद्भुत, दीप्ति, कशिश, रौनक, भूमि, आयुषी ने दहेज प्रथा, वृक्ष लगाओं जीवन बचाओ आदि लघुनाटिकाओं की शानदार प्रस्तुति दी। इस मौके पर अनुज, खुशी, आकांक्षा, रीना शर्मा, आरती शर्मा, पवन, अंशुमन आदि मौजूद रहे। संचालन मृत्युंजय शर्मा ने किया।