विक्रमादित्य के नाम से प्रारंभ हुई विक्रम संवत
-भारतीय जन विक्रम संवत की शुभ तिथियों से करते हंै शुभ कार्य
-भारतीय नूतन वर्ष विक्रम संवत 2078
बदायूँ। प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर भारतीय नूतन वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी। शिक्षकों और बच्चों ने न्यायप्रिय महाराज वीर विक्रमादित्य के चित्र पर पुष्पार्चन किया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि विक्रमादित्य न्यायप्रिय, पराक्रम और विद्वान नीतियों के लिए प्रसिद्ध थे। भारतीय तिथियों की गणना इन्हीं के विक्रम संवत के नाम से जानी जाती है। भारतीय जन विक्रम संवत् के अनुसार शुभ तिथियों की गणना कर श्रेष्ठ कार्यों को करते हैं। विक्रमादित्य मां हरसिद्धि के उपासक थे। मां से विशेष शक्तियां प्राप्त कीं। अपने पराक्रम से लोगों की रक्षा और धर्म की स्थापना की। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की उपासना और शक्तिकलश की स्थापना से नूतन वर्ष खुशहाली भरा होगा। चुनौतिपूर्ण प्राकृतिक आपदाएं कम होंगी। जनमानस में विशेष ऊर्जा का संचार होगा।
मृत्यंुजय शर्मा ने कहा कि विक्रमादित्य ने सदैव मां के द्वारा प्रदत्त न्याय को ही सुनाया और उसको स्वीकार किया। उनके त्याग, समर्पण और महानतम कार्यों ने भारतीय संस्कृति को जीवंत बना दिया।
भारतीय नूतन वर्ष विक्रम संवत 2078 पर बच्चों ने प्रणाम कर शुभकामनाएं और उपहार दिए। देवकन्याओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदान प्रस्तुति दी। इस मौके पर हेमंत शर्मा, कशिश, अनुज, भूमि, दीप्ति, सौम्या, खुशबू आदि मौजूद रहीं।