भ्रष्टाचार की गारंटी है मगर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की कोई गारंटी नहीं
बदायूँ । भारतीय किसान यूनियन के मंडल प्रवक्ता राजेश सक्सेना ने भ्रष्टाचार को महिला अस्पताल के कर्मचारी की सबसे बड़ी विचारधारा बताते हुए शनिवार को जिले के सबसे पुराने सिस्टम पर करारा प्रहार किया और कहा कि यदि महिला अस्पताल कर्मचारी है तो भ्रष्टाचार की गारंटी है मगर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की कोई गारंटी नहीं हैं।
भारतीय किसान यूनियन के मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के बिना महिला अस्पताल का कर्मचारी सांस भी नहीं ले सकता। उसकी सांसों में भ्रष्टाचार घुसा हुआ है।
उन्होंने ने कहा की जिला महिला अस्पताल भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और कुशासन की वजह से इसकी जड़ें मजबूत होती चली जा रही है। अस्पताल में आने वाले मरीज से कर्मचारी धन की लुटाई कर रहे हैं चाहे वह लेबर रूम हो या फिर एसएनसीयू, सर्जिकल वार्ड, या ऑपरेशन थिएटर हो उनसे यहां का स्टाफ जबरदस्ती रुपए की मांग करते हैं रुपए न देने पर गरीब मरीज के साथ के अभद्र व्यवहार करते हैं इस तरीके से अस्पताल कर्मचारी भ्रष्टाचार को बहुत तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं कर्मचारी अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं। बल्कि ड्यूटी के समय मौज मस्ती करते नजर आ रहे है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसे कर्मचारी ड्यूटी न करके सरकार का मखौल बना रहे हैं।
रोस्टर को दरकिनार कर कर्मचारियों की लग रही ड्यूटी
जिला महिला अस्पताल में रोस्टर को दरकिनार कर कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है वर्षो से लेबर रूम में जमे बैठे कर्मचारी अपनी तानाशाही से अस्पताल प्रशासन पर हावी है। कर्मचारियों के डर से भयभीत अस्पताल प्रशासन अपनी आंखे बंद कर बैठा है।
वर्षो से लेबर रूम,ओटी में जमे बैठे भ्रष्ट कर्मचारी
जबकि अन्य जिलों में रोस्टर के हिसाब से कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है यहां पर भ्रष्टाचार ने अपनी जड़े मजबूत कर ली हैं और कर्मचारियों ने अपनी तानाशाही के बल पर लेबर रूम, सर्जिकल वार्ड, ऑपरेशन थिएटर में रहने का जबरन ठेका ले लिया है कहते है हम एक ही जगह बने रहेंगे हम दूसरी जगह ड्यूटी नहीं करेंगे देखते है शासन प्रशासन हमारा क्या बिगाड़ लेगा। आए दिन बड़ी-बड़ी भ्रष्टाचार की घटनाएं अस्पताल में होती रहती हैं फिर भी कोई शासनिक अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहा है ऐसे विमुख,भ्रष्ट, अनुशासनहीन लापरवाह, कर्मचारियों पर सरकार के द्वारा तत्काल प्रभाव से ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा ‘‘रोस्टर बदलो,कर्मचारी बदलो, भ्रष्ट कर्मचारियों बाहर करो नही तो हम सावन माह के बाद जिला महिला अस्पताल में इस बात को लेकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे।
सीएमएस डॉ इंदुकांत वर्मा ने बताया कि किसी मामले में किसी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत मिलती तो कार्रवाई की जाएंगी।