रात भर ज़िक्रे पंजतन के साथ अदा हुई परम्परागत रस्मे, कुल के बाद बाँटा गया तबर्रक
सम्भल। हुज़ूर सरकार आलम पनाह वारिसे पाक रह0 का सालाना उर्स मुबारक परम्परागत तरीके जो उत्साह के साथ मनाया गया। बड़ी तादात मे अक़ीदतमन्दों ने दूर दराज़ से उर्स मे शिरकत की।
चन्दौसी मार्ग दरगाह अंजुमने वारसिया मे हज़रत सय्यद हुज़ूर सरकार आलम पनाह वारिस-ए-पाक रह0 का वार्षिक उर्स मुबारक परम्परागत तरीके से बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। उर्स का आगाज़ मुक़ददस किताब की तिलावत से हुआ। इसके बाद नातो मनकबत का सिलसिला पुरी रात चलता रहा। शनिवार की सेहर चार बजकर तेरह मिनट पर सरकार आलम पनाह के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। शहर इमाम शाही जामा मस्जिद संभल हज़रत मौलाना आफ़ताब हुसैन साहब वारसी ने कुल शरीफ की रस्म अदा कराते हुए मुल्क व शहर मे अमन शांति एवं एकता व अखंडता को दुआ
कराई। पुरी रात ज़िक्रे खुदा, ज़िक्रे सरवरे क़ायनात, व ज़िक्रे पंजतन एवं ज़िक्रे औलिया की महफ़िल सजाई गई। हाफ़िज़ शाह फ़िरोज़ ने सरकार आलम पनाह की सेवाओं पर विस्तार से रौशनी डाली। निस्बते पंजतन अपनाने और फैज़ाने सरकार वारिस पाक की फ़ज़िलत ब्या की। कुल के बाद सभी अक़ीदतमन्दों को तबर्रक बांट कर रुखसत किया गया। अंत मे दरगाह अंजुमने वारसिया के प्रबंधक मेहताब हुसैन वारसी ने सभी मेहमानों एवं अक़ीदतमन्दों का शुक्रिया अदा किया।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट