बिल्डिंग मेंटेनेंस बजट पी गया बाबू
बदायूँ ।पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य महकमा कई तरह के प्रचार प्रसार करता रहता है,लेकिन मानीटरिग के अभाव में कई आदेश फाइलों में ही दफन हो जाते हैं। ऐसा ही एक आदेश दो साल पहले निकला था। जिसमें बिल्डिंग मेंटेनेंस कार्य के लिए बजट तो निकाल लिया। मगर मेंटेनेंस का काम नही हुआ।
जिला महिला अस्पताल में बिल्डिंग मेंटेनेंस के लिए बजट आया था मगर सौ शैय्या का मेंटीनेंस का काम शुरू नहीं किया गया। महिला अस्पताल में बिल्डिंग मेंटिनेस न होने की वजह से अस्पताल के लैट्रिन बाथरूम,आपरेशन थिएटर, आपातकालीन और पैथोलाजी विभाग से निकलने वाली गंदगी के साथ सफाई-धुलाई के बाद निकला पानी सीधे नालियों में नही जाकर परिसर में पानी इकठ्ठा हो रहा है जिससे गंदगी बढ़ती जा रही है और संक्रमण फैलने का खतरा है।
अस्पतालों की ओटी, कैजुअल्टी और पैथोलाजी से निकलने वाला कफ, पित्त, खून और यूरीन सीधे अस्पताल परिसर नालियों में बहाया जा रहा है। क्योंकि अस्पताल की पाइप लाइन चोक पड़ी हुई है जिसके कारण अस्पताल में आने जाने लोगों के साथ-साथ मरीजों को भी गंदगी बदबू का सामना करना पड़ रहा है। गंदे पानी की वजह से बदबू आती है जिससे डॉक्टरों को ओपीडी में बैठना मुश्किल हो रहा है। गुरुवार को एक गर्भवती महिला अस्पताल के खुले लैट्रिन टैंक में गिर गई। जिसे वहां मौजूद महिलाओं ने डूबने से बचाया।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ इंदुकांत वर्मा ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष से बात हो गई है कल से काम शुरु हो जाएगा अगर यह पाइप लाइन सही नहीं हुई तो नई पाइप लाइन डलवाई जाएगी। यह काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। जिससे महिला अस्पताल में आने जाने वाले मरीज व तीमारदारों को गंदगी बदबू का सामना न करना पड़े।