बदायूँ । एआरटीओ ऑफिस में इन दिनों दलालों का कब्जा हो गया है। बगैर दलालों के कोई काम नहीं हो रहा है। किसी का किसी तरह का काम हो भी गया हो तो उसे महीनों विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है तब उसका काम होता है।
इसका एक मुख्य कारण यह है कि विभाग में तैनात आरआई विकास यादव खुद काम नहीं करते है

दलालों के द्वारा काम करवाते है कई दलाल आरआई के इशारे पर काम करते हैं। जो उन्हें मोटी कमाई करके देते हैं। यहां के बाबू,आरआई आवेदन करने वाले लोगों को चक्कर कटवाते रहते हैं।ताकि वह दलालों के द्वारा काम कराएं और रिश्वत लेकर ऑफिस की मोटी कमाई हो। ज्यादातर लिपिकों का ड्यूटी से गायब रहना बताया जा रहा है। आरटीओ आफिस की जमीनी हकीकत जानने पहुंची मीडिया तो वहां का मंजर देख कर हैरान हो गए पाया कि आरटीओ विभाग में इन दिनों दलालों की

भरमार हो गई है। सड़क से लेकर दफ्तर तक कई दलाल नजर आए। जैसे ही कोई व्यक्ति लाइसेंस या वाहन के अन्य काम से आरटीओ दफ्तर आता था। वैसे ही दलाल उसको घेर लेते थे। पूछताछ कर पहले उनके आने का मकसद पता करते थे और जब उन्हें यकीन हो जाता था कि वह लाइसेंस बनवाने आया है तो उसे इतना बरगला दे रहे थे कि वह उनके जाल में फंस जा रहा था। इसके बाद उनसे ही अपना काम कराने की जिम्मेदारी सौंप दे रहा था। जिसका फायदा उठाते हुए बिचौलिए उनसे मोटी रकम वसूलने का काम करने लगे। जिसमें सबका हिस्सा बंधा होता है।


डीएम के निर्देशन में कुछ वर्ष पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट सीओ सिटी द्वारा छापेमारी की गई थी जिसमें 14 दलाल पकड़े गए थे। इसके बाद से कोई छापेमारी नहीं हुई ना की कोई ऐसी कार्रवाई। जिससे दलालों में डर बन सके। वहीं नगर के निवासी संदीप की माने तो वह तीन महीने तक आरटीओ आफिस का चक्कर काटते रहे लेकिन उनका अभी तक वाहन ट्रांसफर नहीं हुआ है। थक कर उन्होंने बिचौलिए से बात की इसके बाद उसका वाहन ट्रांसफर होने के लिए कहा है उन्होंने कहा कि वह अपने भाई का लाइसेंस बनवाने आया था। इसके लिए दलाल को दो हजार रुपये मांग रहा था उसने कहा कि लाइसेंस बनवाने के बाद पहुंचा दूंगा।
इस संबंध में आरआई विकास यादव से फोन से बात की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।