- बजरंग दल का देशव्यापी प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता जिहाद का पुतला फूंका
-महाभारत कालीन मंदिरों पर जाते श्रद्धालु पर हमले का किया विरोध
हरियाणा के मेवात में मंदिरों पर जाते हुए श्रद्धालुओं पर जानलेवा हमले के विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इंदिरा चौक बबराला पर एकत्र हुए।कार्यकर्ताओं ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदर्शन कर हिंदू धार्मिक यात्रा पर हुए जिहादी क्रूरता के विरोध में जिहाद का पुतला फूंका। विश्व हिंदू परिषद –
बजरंग दल के जिला उपाध्यक्ष अमित वार्ष्णेय ने कहा कि श्रावण में प्रतिवर्ष किसी भी सोमवार पर मेवात के अंदर भगवान शंकर का आशीर्वाद लेने के लिए महाभारत कालीन पांच मंदिरों में श्रद्धालु जाते हैं। लगभग 20-25 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे। अभी यात्रा शुरू हुए 15 मिनट भी नहीं हुए की, उन पर उपद्रवियों ने गोलियां और पत्थर बरसाने तथा आगजनी शुरू कर दी। श्रद्धालुओं ने जब देखा कि परिस्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही है, तो पीछे हटने का प्रयास किया, तो देखा पीछे से भी पत्थर बरस रहे हैं। उन पर पेट्रोल बम फेंके गए, बहुत मुश्किल से कुछ लोगों को बचाकर हम नलहड़ महादेव के मंदिर में वापिस लेकर आ सके। कुछ ही देर हुई थी वहां गए हुए कि उस मंदिर के सामने से भी दंगाई आ गये। कारों, बसों और अन्य वाहनों को आग लगानी और जो सामने दिखा उन पर गोलियां बरसनी शुरू हो गई। दो लोगों को गोलियां लगीं। लगभग सारे वाहन जला दिए या तोड़ दिए गए। जब पुलिस आती है तो पुलिस को देखकर उपद्रवी भागते हैं और पहाड़ियों पर चढ़कर तीनों तरफ से मंदिर में शरण लिए हुए महिलाओं, बच्चों और अन्य भक्तों पर गोलियां बरसाना शुरू कर देते है। एक भक्त बलिदान हो जाता है। कुछ अन्य लोगो को भी गोलियां लगती हैं। बहुत मुश्किल से प्रशासन ने उन पर नियंत्रण किया और उसके बाद वहां से निकाल करके पुलिस लाइन में लेकर आए। लेकिन तब तक यह दृश्य पूरा मेवात मानो मिनी पाकिस्तान बन गया है। चारों तरफ से घेराबंदी हो गई है, जगह जगह यात्री घिरे पड़े हैं। कहीं मंदिरों, तो कहीं पुलिस चौकियों में शरण ली और उन मंदिरों में और चौकियों पर भी हमले किए गए।
नवनीत गाँधी समाज सेवक ने आरोप लगाया कि इस घटना के जिम्मेदार वे लोग हैं जो इन दंगाइयों को भड़काते हैं उनके भड़काने के कारण से ही, मुहर्रम व रामनवमी पर हमले होते हैं।
घटना में कितने लोग बलिदान हुए है, प्रशासन से भी इस बारे में सही आंकड़े नहीं मिल पा रहे हैं। घायलों की चिंता और उनके उचित उपचार की व्यवस्था की जाए। गंभीर आत्म विश्लेषण का अवसर है कि कल नूह में डायरेक्ट एक्शन की तरह का वातावरण बना था।
में उन मोलवियों से भी कहना चाहूंगा जो किसी भी बहाने से भड़काने की कोशिश करते हैं, उसका ही यह दुष्परिणाम दिखाई दिया है। यह उचित नहीं है। यह आत्मघाती प्रवृत्ति है। छोटे छोटे बच्चों को आगे लाकर तुम आगजनी करवा कर, उनका कैसा भविष्य निर्माण कर रहे हो? वहां आप भले ही मेजोरिटी में होंगे, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप उसको हिंदुओं का कब्रिस्तान बना दोगे? यह दुष्कृत्य किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस दौरान बड़ी संख्या में एकत्र कार्यकर्ताओं ने हिंदू धार्मिक यात्रा पर हुए इस क्रूर हमले के विरोध में जिहादी क्रूरता के विरुद्ध धरना प्रदर्शन कर जिहाद का पुतला जलाया।
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने कहां आतंकी हमले के कारण बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या हुई है और समाज के दो अन्य व्यक्ति भी बलिदान हुए हैं, विश्व हिंदू परिषद की मांग है उन सबके परिवारों को एक – एक करोड़ रुपया दिया जाए। जो घायल हुए हैं उनको 20 – 20 लाख रुपया तथा जिनकी गाड़ियां और बसें नष्ट हो गई हैं उनको पूरी तरह क्षति पूर्ति की जाए। जिसकी जिम्मेदारी भी सरकार को लेनी चाहिए। पूरे मेवात क्षेत्र को सील करके कांबिंग कराई जाए और एक – एक जिहादी को पकड़कर सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए, तो ही मेवात में चल रहे इस हिंदू विरोधी, राष्ट्र विरोधी आतंक को रोका जा सकता है। प्रदर्शन करने बलों में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता विभाग संगठन मंत्री गौरव प्रताप आर पी शर्मा बबलू गुप्ता नवनीत गाँधी आशुतोष वार्ष्णेय हर्षित विभोर अग्रवाल गोविंद अतुल आदि अनेकों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट