प्रभाकर चौधरी शानदार आईपीएस अफसर हैं. लॉ एंड आर्डर के आगे किसी की न सुनते न मानते हैं.

कल बरेली में उत्पातियों को सबक सिखाया गया अगर गुड गवर्नेंस चाहिए तो उन्हें वापस लाना ही पड़ेगा….
बरेली में कुछ कांवड़िए हंगामा कर रहे थे। एसएसपी प्रभाकर चौधरी पुलिस बल के साथ पहुंचे। समझाने की कोशिश की। कांवड़िए नहीं माने। पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया।

प्रभाकर कहते हैं कि कुछ कांवड़िए नशे में थे। उनके पास हथियार थे। माहौल खराब हो सकता था।

प्रभाकर अपने आवास नहीं पहुंचे होंगे कि उसके पहले ही उनके पास खबर आ गई कि आपका ट्रांसफर कर दिया गया। 10 साल की नौकरी में उनका 21वां ट्रांसफर है। 6-7 महीने से ज्यादा कहीं नहीं रहते।

प्रभाकर चौधरी पहले ही शासन को कह चुके थे कि हमको हमारी साइट को स्टिंग कर दी जाए,आपको बता दें कि प्रभार चौधरी का मन वैसे ही बरेली में नहीं लग रहा था वह कई बार शासन में अनुरोध कर चुके थे कि उनका स्थानांतरण पीएसी सीतापुर या लखनऊ कर दिया जाए और वही हुआ उनका स्थानांतरण हो गया

एसएसपी प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर क्या हुआ लोग अपना-अपना क्रेडिट लेने लगे कोई कह रहा है कि मैंने करा दिया कोई कह रहा है कि मैंने करा दिया, लेकिन किसी को सच नहीं पता की प्रभाकर चौधरी खुद अपना ट्रांसफर हुआ गलत समय पर……

इससे प्रभाकर चौधरी ने अपने 3 महीने के कार्यकाल में बरेली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया पुलिस के दरोगा स्पेक्टर से लेकर सिपाही तक घूस लेने के लिए 100 बार सोचते थे फरियादियों की सुनवाई थाना स्तर पर होने लगी थी उनका कार्यकाल कम रहा लेकिन बरेली की जनता के लिए यादगार रहा

कल जो बवाल हुआ उसमें मामला लगभग निपट चुका था,लेकिन कुछ खुराफातीयों ने डीजे के ऊपर चढ़कर हंगामा करने लगे और बहुत तेज डीजे बजाने लगे जिससे माहौल और बिगड़ सकता था, पुलिस प्रशासन के समझाने के बाद भी लोग नहीं माने और उन्होंने तमंचे से फायर कर दिया जिससे माहौल बहुत खराब हो गया,कर्फ्यू जैसे हालात होने लगे थे,तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया….

बता दें कि जोगी नवादा इलाके में पिछले रविवार को नूरी मस्जिद पर कांवड़ियों पर पथराव हुआ था. पथराव में एक दर्जन से ज्यादा कांवड़िए घायल हुए थे. पथराव की पूरी पटकथा समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद उस्मान ने रची थी. इस मामले में पूर्व पार्षद उस्मान, उसका बेटा और मस्जिद के मौलाना समेत 12 लोगों पर नामजद और 150 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी.

कांवड़ियों ने किया हंगामा, तब गिरफ्तार हुए पूर्व पार्षद

कांवड़ियों के हंगामे को देखते हुए पुलिस ने पूर्व पार्षद उस्मान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था इसके बाद भी कांवड़ियों, हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई थी और सुरेश शर्मा नगर चौराहे को जाम कर दिया था. कई घंटे तक चौराहा जाम रहा.