जुलुस बरामद कर क़र्बला के शहीदों को किया याद, गमे हुसैन मे छुरीयों किया लहूलुहान
संभल: यूँ तो लाखो सिर झुके सजदे में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है।
मोहर्रम का दसवा दिन रोजे आशूरा का मातमी जुलूस नूरियो सराय मे शिया समुदाय के लोगो ने परम्परागत तौर तरीके के साथ बरामद किया। गंमे हुसैन मे काले लिबास धारण किये नंगे पैर अज़ादार मातमी जुलूस मे शामिल हुए और इमामबाड़ा सगीर हसन से इमाम हुसैन की वफादार सवारी जुलजनाह हजरत इमाम हुसैन का शबीहे ताबूत छह महीने के बच्चे अली असगर का झुला हज़रत अब्बास ए अलमदार का अलम बरामद करके मातम व नोहेख्वानी की। हुसैनी चोक से इमामबाड़ा फरमान हुसैन तक अज़ादारों ने जजीरो से बंधी हुई छुरियो से अपनी पीठ और सर पर मातम करके अपने जिस्म को खून से लथपथ कर लिया। जिसे देखकर माहौल एकदम गमगीन हो गया। या अली, या हुसैन की आवाज़े फिजा में गूँजने लगी अज़ादारों मे कोहराम बरपा था। रोने पीटने की आवाजे बुलन्द हो रही थी। मातमी जुलूस हुसैनी चोक से इमाम बाडा फरमान हुसैन सरवर हुसैन, अजहर हुसैन, जायर हुसैन अंसारियान हो कर देर शाम को नूरियो सराय स्थित कर्बला पहुँचा जहाँ अज़ादारों ने ताजियो को दफनाया और अपनी अकीदतो के साथ इमाम हुसैन की मां जनाबे फातिमा जहरा की ख़िदमत मे पुरसा पेश किया। मातमी जुलूस मे शामिल हुए अज़ादार कर्बला से अलविदाई नोहा पढते हुए इमामबाड़ो मे गये जहॉ फातिहा पढी गयी। इमामबाड़ा अजहर हुसैन मे जा कर मातमी जुलूस समाप्त तथा। मातमी जुलूस मे महिलाओं बच्चों के साथ साथ भारी संख्या में अज़ादार शामिल हुऐ। जिसमें मुख्य रूप से मोहसिन रजा, रहबर हुसैन, नैयर अब्बास, शमाईम ऱजा, शाने अब्बास, उरूज मेहदी, पैकर सम्भली, अली सज्जाद, सुहैल अब्बास, अली सादिक, गुफरान, मोहसिन, साजिद मिया, काजिम हुसैन, अली जहीर, सलीम मेहदी, शाह आलम, नसीम हुसैन, नईम हुसैन, वसीम हुसैन, गौहर अली, अब्बास, अरशद हसन, शाहिद, तहजीब, गुफरन हैदर, मासूद मिया, तसवीर सम्भली, शानू मौजूद रहे। रोजे आशूरा की सुबह से ही इमामबाडो मे मजलिसे शुरु होती रही घरो महिलाओं ने घरो मे मजलिसे बरपा की और मातम किया। अज़ादारों ने रोजे आशूरा के मौक़े पर खुले आसमान के नीचे रात में मजलिस ए शामे गरीबा इमामबाड़ा फरमान हुसैन मे आयोजित की गयी। जिसमे अजादारो ने मातम व नोहेख्वानी की।
सम्भल से खलील मलिक की रिपोर्ट