बिना कमीशन नहीं होती है सीएमओ कार्यालय में सप्लाई
कंपनी से 30 प्रतिशत तक कमीशन मांग रहे हैं सीएमओ के बीचोंलिए
डीसी एनएचएम कमलेश हैं सीएमओ के कमीशन एजेंट
बदायूं। सांसद की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं होती है जिससे भ्रष्टाचारियों के हौंसले इतने बुलन्द हो जाते हैं कि वे अब खुलेआम सप्लाई में कमीशन की मांग कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय का वायरल हुआ है जिसमें सैनेटाइजर आदि की सप्लाई के लिए गुजरात में सूरत स्थित एक कंपनी श्रीमंत एम.डी. हायजीन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में बिड डाली थी जो कम दरों के कारण स्वीकृत भी हो गयी लेकिन जब सप्लाई का नंबर आया तो सीएमओ से कंपनी के अधिकारी मिले तो सीएमओ ने उन्हें डीसी एनएचएम कमलेश शर्मा से मिलने को कहा, जिस पर अधिकारी उनके पास गये और सप्लाई के बावत वार्ता की। वार्ता के दौरान डीसी ने 30 प्रतिशत कमीशन की मांग की जिस पर कंपनी के अधिकारी ने असमर्थता जताई, इसके बाद कमीशन की दर 18 और 15 प्रतिशत के बीच चलती रही। यहां यह भी आश्चर्यजनक है कि डीसी एनएचएम को इस सप्लाई के लिए आधिकारिक रूप से कोई अधिकार प्राप्त नहीं है वे मात्र सीएमओ के विश्वासपात्र कमीशन एजेंट हैं । और उन्होंने यहां तक भी कह दिया की सप्लाई में 10% माल की कम सप्लाई कर देना पेमेंट 100% माल का करा देंगे बिना किसी चेकिंग के।कंपनी के अधिकारी ने इस वार्ता की पूरी वीडियो भी बनाई है और इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है।
ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी सीएमओ कार्यालय के भ्रष्टाचार की शिकायत बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य मुख्यमंत्री से लिखित में कर चुकी हैं और इसकी खबर भी प्रमुखता से प्रकाशित हुई है, लेकिन सीएमओ कार्यालय में भ्रष्टाचार पर लगाम लगने के बजाय उनका मनोबल और बढ़ता ही जा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सीएमओ की पहुंच सांसद से भी ऊपर है और उन्हें अपने ऊपर किसी भी तरह की कार्रवाई होने का कोई डर नहीं है।