उघैती। एक तरफ जहां सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं व बालकों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनेक प्रकार की योजनाओं के द्वारा तरह-तरह के पोषाहार वितरण के लिए भेजे जाते हैं। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की अनदेखी व आंगनबाड़ी कर्मचारियों की मनमानी के चलते पोषाहार वितरण में अनियमितता से परेशानी हो रही है। बार-बार विरोध-प्रदर्शन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सहसवान विकासखंड गांव लोथर के आंगनबाड़ी केंद्र लाभार्थियों को तीन माह से पोषाहार वितरण नही करने पर महिलाओं ने विरोध जताकर पोषाहार वितरण की मांग की। लेकिन मनमर्जी के चलते एक दो दिन लाभार्थियों को ही पोषाहार वितरण कर बाद में पूरा पोषाहार समाप्त होने की बात कहकर टरका दिया जाता है। पोषाहार नहीं मिलने को लेकर महिलाओं ने विरोध जताकर पूरा पोषाहार वितरण की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ीकत्री समय पर भी नही आती है जिससे पोषाहार लेने आने वाली महिलाओं व बालको को भटकना पड़ता है।
अब तक दो बार प्रदर्शन-
महिलाओं ने बताया कि हम लोगों ने प्रधान से शिकायत अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है महिलाओं ने बताया गांव में कभी भी बांटने के लिए आती हैं तो चार-पांच बालकों के लिए पोषाहार दे देती और उसके बाद में कह देती है।माल खत्म हो गया अब अगली बार बटेगा यही प्रक्रिया लगातार चलती आ रही है लेकिन अभी तक किसी प्रकार का भी पोषाहार बांटने में समाधान नहीं हुआ है। बच्चों का पोषाहार डकार कर दुकानों पर बिक दिया जाता है पोषाहार को लेकर क्षेत्र में हमेशा चर्चा बनी रहती है लेकिन शासन पोषाहार पर गौर नहीं करता लगातार योगी सरकार करोड़ों रुपए गर्भवती महिला और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए खर्च करता है लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से पोषाहार आंगनबाड़ीकत्री द्वारा डकार लिया जाता है। विरोध करने में सुनीता पूजा मीरा कुसुम गुंजन राखी कई दर्जन महिलाएं विरोध में शामिल थी उच्चअधिकारीयो से कार्रवाई की मांग की।

रिपोर्ट अकरम मलिक