सम्भल।छह साल की उम्र में सम्भल के ईशाल ने कुरान-ए-पाक का पाठ मुकम्मल कर लिया। कुरान शरीफ के सभी तीस पारों (अध्याय) को उच्चारण सहित पूरा कराने में उनके उस्ताद हाफिज अदनान का सहयोग रहा। इस दौरान सबने ईशाल को मुबारकबाद दी और कामयाबी के लिए दुआ की।
कुरान शरीफ का पाठ पूरा करने पर सम्भल के कोट गर्वी में दुआ का कार्यक्रम आयोजित हुआ। उस्ताद हाफिज अदनान ने छह वर्षीय ईशाल को आखिरी सबक पढ़ाकर कुरान शरीफ मुकम्मल कराया। इस दौरान ईशाल को बुजुर्गों और परिजनों ने मुबारकबाद देकर दुआओं से नवाजा। वहीं, बच्चे ने कुरान शरीफ की सूरह फातिहा पढ़कर सुनाया। उनके पिता राहत असलम खाँ ने बताया कि यह उनके और उनकी बीवी और खानदान व
रिश्तेदारों के लिए खुशी का मौका है। कुरान को मुकम्मल कराने मे उस्ताद हाफिज अदनान का भी सहयोग रहा। फिलहाल ईशाल अभी देहली दरवाज़ा स्थित जिलानी पब्लिक स्कूल में कक्षा एक की छात्रा है। वह अपनी बेटी को दीनी और दुनियावी दोनों तालीम दिलाएंगे। उनके उस्ताद हाफिज अदनान ने बताया कि कुरान की तालीम हर मुसलमान के लिए जरूरी है। जब कुरान नाजिल हुआ था तो पहाड़ भी लरज गए थे। कुरान शरीफ की हिफाजत का ज़िम्मा खुद अल्लाह ताला ने लिया है।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट