अस्पताल में दोपहर तक आई फ्लू के मरीजों की लग रही भीड़
बदायूँ । यूपी में बारिश के बाद आंखों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में आई फ्लू का प्रकोप बढ़ा है। खासकर बच्चों में यह तेजी से फैल रहा है। इससे बच्चों और युवाओं की आंखों में इन्फेक्शन हो रहा है जिससे आंखों में लालपन, सूजन और गंभीर दर्द हो रहा है।
वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉक्टर पीयूष मोहन अग्रवाल ने बताया कि आई फ्लू को मेडिकल भाषा में पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में इस समय दो सौ मरीज प्रतिदिन आ रहे है जिसमे शुक्रवार की ओपीडी में 170 आई फ्लू इंफेक्शन के मरीज आए उन्होंने मरीजों को इसके लक्षण, बचाव और इलाज का सुझाव दिया।
जिस रफ्तार से आई फ्लू का संक्रमण फैल रहा है उसे एपिडेमिक कहा जा सकता है। इसका मतलब यह है कि एक ही समय में एक ही रोग से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हो रहे हो। आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई भी कहा जाता है। यह आंखों के सफेद हिस्से में होने वाले संक्रमण है। बरसात के मौसम में यह बहुत आम बात है। इसके अधिकतर मामले सर्दी-खांसी वाले वायरस की वजह से बढ़ते हैं। कुछ मामलों में विशेषकर बच्चों में जीवाणु संक्रमण भी इसकी वजह हो सकती है।डॉक्टर ने बताया कि आई फ्लू बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होता है और आंख को कोई स्थायी नुकसान पहुंचाए बिना एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। हालांकि आपको इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस के क्या होते है लक्षण
आंखों का लाल होना
आंखों में सफेद रंग का कीचड़ आना
आंखों से पानी बहना
आंखों में सूजन
आंखों में खुजली और दर्द होना
डॉक्टर ने बताया कि यह संक्रमण एक आंख से शुरू होता है और जल्दी ही दूसरी आंख में भी फैल जाता है। कोई भी लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
चिकित्सक द्वारा बताई गई सलाह और सावधानियां
आंखों को ठंडे पानी से बार बार पानी से धोएं,
आंखों को साफ करने के लिए साफ और सूती कपड़े का इस्तेमाल करें,
लक्षण गंभीर होने पर तुरंत नजदीकी नेत्र चिकित्सक को दिखाएं डॉक्टर ने बताया कि यह एक संक्रामक रोग है इसका मतलब यह है कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है,
मरीजों को किन-किन बातों पर रखना विशेष ध्यान
मरीज काला चश्मा पहनकर रखे
टीवी या मोबाइल देखने से बचें
आंखों को बार-बार छूने से बचें
आंखों को साफ करने के लिए गंदे कपड़े का इस्तेमाल न करें
आंखों को छूने के बाद सैनेटाइज करना न भूलें
किसी से भी आई टू आई कांटेक्ट न बनाएं
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य
जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डाक्टरों से जिला अस्पताल या नजदीकी नेत्र चिकित्सक में संपर्क करें।