लेबर रूम में ट्रेनी गर्ल्स,स्टॉफ नर्स कर रही है डिलीवरी
बदायूँ । जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं और जांच लड़खड़ाती नजर आ रही है। गर्भवती महिलाओं के साथ जांच के नाम पर खिलवाड़ हो रही है।लेबर रूम में डब्लूबीएफटी किट के बिना (होल ब्लड फिंगर ट्रिक) जांच किए डिलीवरी हो रही है यह जांच बहुत ही आसान है। डब्लूबीएफटी किट के द्वारा जांच नहीं हुई तो गर्भवती महिलाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है । डब्लूबीएफटी किट से एचआईवी की जांच होती है।
गर्भवती महिला डब्लूबीएफटी किट की जांच से सुरक्षित रहती है और प्रसूताओं में संक्रमण नहीं फैलता है। स्टॉफ नर्स की लापरवाही से हो सकता है महिलाओं को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। शासनादेश के अनुसार गर्भवती महिलाओं की सबसे पहले डब्लूबीएफटी किट से जांच होनी चाहिए उसके बाद डिलीवरी होगी जबकि सरकार इस मिशन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
सीबीसी जांच तक सीमित होकर रह गया है लेबर रूम इसके अलावा कोई जांच नहीं होती है। क्योंकि लेबर रूम में कोई महिला डाक्टर मौजूद नही रहती है ट्रेनी गर्ल्स,स्टॉफ नर्स के भरोसे लेबर रूम चल रहा है।
सीएमएस डॉ इंदुकांत वर्मा ने इस संबंध में क्या कहा
डाक्टर और लेबर रूम स्टॉफ से साफ कह दिया है डब्लूबीएफटी किट के द्वारा जांच नहीं की गई तो लेबर रूम स्टॉफ पर निश्चित कार्रवाई होगी।