स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों की वजह से आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से हो रही मौतें
बदायूँ । कस्बा बिसौली में झोलाछाप डॉक्टर के यहां प्रसव के बाद गर्भवती महिला की मौत हो गई। झोलाछाप डॉक्टर ने आनन-फानन में प्राइवेट एंबुलेंस करके महिला को चंदौसी रेफर कर दिया जबकि उसकी मौत क्लीनिक पर ही हो चुकी थी। इधर झोलाछाप महिला डॉक्टर मृतका के पति पर फैसले के लिए दबाव बना रही है।
कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव सोनिया खेड़ा निवासी राजेश की पत्नी रानी को शुक्रवार के लिए प्रसव पीड़ा हुई तो झोलाछाप डॉक्टर पूजा यादव के यहां बिल्सी रोड स्थित अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
पति राजेश का आरोप है कि गांव की आशा नीरज को मैने अपनी पत्नी की प्रसव पीड़ा की सूचना दी थी तो आशा ने एंबुलेस बुलवाई और अल्ट्रासाऊंड कराने के बहाने एक झोलाछाप डॉक्टर पूजा यादव के यहां भर्ती कराकर डिलीवरी करा दी। मगर मेरी पत्नी की डिलीवरी के बाद मौत हो गई। डाक्टर ने चालाकी से एंबुलेंस मंगाकर उसे आनन-फानन में चंदौसी रेफर कर दिया जबकि उसकी मौत झोलाछाप क्लीनिक पर हो चुकी थी।सूत्रों की मानें तो पूजा यादव पीड़ित परिवार पर फैसले का दवाब बना रहीं है ।
बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा है क्लीनिक,झोलाछाप नोडल अधिकारी अपनी मस्ती में मस्त
क्षेत्र में नर्सिंग होम और झोलाछापों की भरमार हो गई है लेकिन कोई झोलाछाप नोडल अधिकारी उनके नहीं जाता सब ने अपनी सेटिंग कर रखी है और वह अपनी मस्ती में मस्त हैं प्राइवेट अस्पतालों और झोलाछापों के इलाज से लगातार मौतें हो रही हैं फिर भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
सरकारी मानदेय पर निजी अस्पतालों का गुणगान कर रहीं आशा वर्कर
ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को चिकित्सकीय सुविधा में सहूलियत मिल सके। इसलिए आशा कार्यकर्ता को तैनात किया गया है। यह आशाएं सरकारी वेतन पर प्राइवेट अस्पतालों का गुणगान कर रही हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ मरीजों तक न पहुंच सके इसके लिए आशा बहुएं अपनी तरीके से काम कर रही है। ज्यादातर आशा अपनी अधिक कमीशन के चक्कर में प्राइवेट अस्पताल में प्रसव करती है। महिलाओं का प्रसव निजी अस्प्तालों में कराया जा रहा है। इससे गरीब परिवारों को चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है।
सीएमओ डॉ प्रदीप वार्ष्णेय ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है फिर भी किसी को भेज कर दिखवाता हूँ ।